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मधुबनी/राजनगर :
मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड के सिजौल स्थित संदीप विश्वविद्यालय को भारत मे उच्च शिक्षा संस्थानों की मान्यता प्रदान करने के लिए स्थापित राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) एनएनएसी का मान्यता मिला। संदीप विश्वविद्यालय बिहार का पहला एनएएसी प्राप्त करने वाला विश्वविद्यालय बना। उक्त जानकारी विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ संदीप झा ने देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्र मे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित मिथिला की धरती पर स्थित संदीप विश्वविद्यालय, सिजौल, मधुबनी की गुणात्मक क्षमता का आकलन कर मान्यता प्रदान किया, जो बिहार के उच्च शिक्षा के क्षेत्र मे एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
श्री झा ने कहा पुरे बिहार के लिए गौरव कि बात है कि एनएएसी (NAAC) एक्पर्ट टीम द्वारा तीन दिवशीय जाँच के बाद बिहार के पहले निजी विश्वविद्यालय कि श्रेणी मे संदीप विश्वविद्यालय को एनएएसी की मान्यता प्राप्त हुआ। यह मान्यता न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है, बल्कि यह बिहार के निजी शिक्षा मे गुणवत्ता और भरोसे की एक नई शुरुआत है। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) समीर कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार डॉ० नौशेरवां रौनक के साथ ही संस्थान के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सामूहिक परिश्रम के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। डॉ. संदीप झा ने बताया तेजी से बदलते डिजिटल युग मे मिथिला के शिक्षा की परिवर्तनकारी यात्रा मे संदीप विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी के साथ ही कंप्यूटर विज्ञान, शिक्षा, कृषि विज्ञान और प्रबंधन की शिक्षा प्रदान कर छात्रों के कार्यकुशलता मे तेजी से सुधार कर रहा है।
विश्वविद्यालय ने पारंपरिक और व्यवहारिक शिक्षा को एक साथ मिलाकर गुणवत्तापूर्ण और रोजगारोन्मुखी पाठयक्रमों को प्राथमिकता दी है। मिथिला के साथ ही बिहार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रोजगार परक बनाने मे अहम भूमिका निभा रहा है। इसी कडी मे विश्वविद्यालय बडी कंपनियों के साथ गठजोड कर विद्यार्थियों को सत प्रतिशत प्लेसमेंट सहायता प्रदान करती है। डॉ. झा का मिशन वर्तमान शिक्षा प्रणाली मेँ बदलाव के साथ ही मिथिला के साथ ही बिहार के छात्रों के शिक्षा मे बदलाव लाना चाहते है। इसे जिम्मेदार तरीक़े से बिहार स्तर पर अपनाने को प्रोत्साहित करने और तकनीकी शिक्षा के उपयोग में छात्रों मे विश्वास पैदा करने के लिए ठोस कदम उठाए है। जिससे आने वाले समय मे मिथिला के साथ बिहार के शिक्षा मे बड़ा बदलाव होनेवाला है।