MADHUBANI / KHUTAUNA NEWS :
मधुबनी/खुटौना : मधुबनी जिले में झंझारपुर-लौकहा रेलखंड पर आठ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद बड़ी लाइन पर ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ, लेकिन यह परिवर्तन केवल नाम मात्र का साबित हो रहा है। क्षेत्र की जनता को जिस सुगमता और सुविधा की आशा थी, वह आज भी अधूरी है। फिलहाल लौकहा से झंझारपुर तक एकमात्र पैसेंजर ट्रेन चल रही है, जो यात्रियों की संख्या और जरूरत के हिसाब से नाकाफी है।
वहीं, पटना जाने वाली एक अन्य ट्रेन भी है, लेकिन वह इतनी लंबी परिक्रमा करती है कि यात्रियों को उससे कोई विशेष लाभ नहीं हो पाता। ऐसे समय में जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भैरवास्थान आगमन पर हैं और कई नई ट्रेनों का लोकार्पण किया जाना है, तब यह उम्मीद की जा रही थी कि झंझारपुर-लौकहा रेलखंड को भी विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन अफसोस की बात है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सिर्फ मंच साझा करने और फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं। स्थानीय जनता का कहना है कि यदि जनप्रतिनिधि ईमानदारी से प्रयास करें, तो इस मार्ग से सीधे पटना और दिल्ली तक की ट्रेनों की मांग सरकार तक पहुंचाई जा सकती है। परंतु अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है। जनता का आक्रोश अब धीरे-धीरे मुखर होता जा रहा है। उनका सवाल है – जब आठ साल की प्रतीक्षा के बाद बड़ी लाइन आई है, तो उसका समुचित लाभ उन्हें क्यों नहीं मिल रहा?
रेलखंड का आधुनिकीकरण तब तक अधूरा माना जाएगा जब तक यहां से सीधी और तेज रफ्तार ट्रेनों का संचालन नहीं शुरू होता। जनता अब चाहती है कि यह मुद्दा केवल राजनीति का विषय न बनकर जमीनी हकीकत में तब्दील हो।