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मधुबनी/झंझारपुर :
मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखण्ड के अड़रियासंग्राम में अवस्थित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आईटीआई कॉलेज में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि सप्ताह मनाई गई।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और ‘मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के स्मृति दिवस सप्ताह पर संस्थान के सेमिनार हॉल में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस मौके पर पण्डित लालमोहन मिश्र की अगुवाई में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें डॉ. कलाम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक मो. अमजद ने कहा “अब्दुल कलाम साहब ने हमें सिखाया कि चाहे जीवन में कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो, जब आप अपने सपनों को पूरा करने की ठान लेते हैं, तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं.” उन्होंने बताया कि डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम क़स्बा में हुआ था, और वे एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार से थे।
उन्होंने बताया कि डॉ. कलाम साहब को देश-विदेश के 40 से अधिक विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई थी। भारत सरकार ने उन्हें 1981 में पद्मभूषण और 1990 में पद्म विभूषण से नवाज़ा था, और 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मो. अमजद सर ने बताया कि डॉ. कलाम ने अपने वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत की तकनीकी प्रगति में अभूतपूर्व योगदान दिया।
उनके स्विट्जरलैंड दौरे के सम्मान में वहां की सरकार ने 26 मई को ‘विज्ञान दिवस’ घोषित किया था। उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान परियोजनाओं के बेहतरीन प्रबंधन के लिए ‘वॉन ब्राउन अवार्ड’ से भी नवाजा गया था। सभा में मौजूद मास्टर मुमताज़ साहब ने डॉ. कलाम के विचारों को याद किया, जिन्होंने आज भी युवाओं को अपने सपनों की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, साथ ही सादा जीवन उच्च विचार के दर्शन पर चलने की नसीहत दी।
समाजसेवी गौतम झा अप्पू ने कहा कि मिथिला के वरीय साहित्यकार स्वर्गीय पण्डित लक्ष्मण झा ने कहा था कि जीवन में कभी कोई संस्थान बनाने का अवसर मिले, तो उसका नाम कलाम साहब के नाम पर करना। यही वजह है कि ये संस्थान कलाम साहब के नाम पर है।
इस कार्यक्रम में लालमोहन मिश्र, मोहम्मद अमजद, धर्मेंद्र मिश्र, बिनय कुमार झा, राजेश कुमार झा राजू, मोहम्मद सरफराज, संजय रंगोली, मिर्जा अनिसुर रहमान पप्पू, बिन्देश्वर पासवान, महाकांत मंडल, ईन्सट्रक्टर चंदन कुमार, गौतम झा, मिहिर कुमार दास, मोहम्मद मुमताज अहमद, मोहम्मद जियाउद्दीन, प्रो. संतोष कुमार, मोहम्मद अमजद, शिवकुमार कामत, संजय ठाकुर समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।