- कंपनी को राशि नही देने पर होगी समाहरणालय कि निलामी
- प्रघान जिला सत्र न्यायाधीश ने जारी की आदेश
- कंपनी का चार करोड़ से अधिक रूपया है बकाया
- उच्च न्यायालय के आदेश पर हुआ था इजराय वाद दाखिल
- मामला कंपनी और पंडौल सुत मिल के बीच एग्रीमेंट का
खबर दस्तक
मधुबनी :
अजय धारी सिंह
मधुबनी न्यायालय में चल रहे एक इजराय मामले में जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी के ओदश पर समाहरणालय परिसर में सूचना चिपकायी गई है। इसमें वादी मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकता को न्यायालय के आदेशानुसार पंद्रह दिनों के अन्दर राशि नही मिलने पर समाहरणालय की भवन सहित भूमि कि निलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। यह सूचना मंगलवार दिन के करीब 1बजे न्यायालय के नाजीर दुर्गानंद झा ने नायव नाजीर अवधेश कुमार एवं परिचारी ब्रदी झा के उपस्थिति में समाहरणालय परिसर में चिपकाया गया, साथ ही सूचना की एक प्रति समाहरणालय नाजीर को भी उपलब्ध कराया गया।
क्या है मामला :
वादी मेसर्स राधाकृष्ण एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता के अधिवक्ता हरिशंकर श्रीवास्तव के अनुसार, कंपनी ने 1996 ई० में पंडौल स्थित सूत मिल बंद होने के बाद वादी के कंपनी ने मिल शूरू करने के लिए पैसा लगाने के एग्रीमेंट पर सूत मिल को चालू किया था। मिल के प्रबंध निदेशक एवं अन्य कर्मी के बार-बार कंपनी को बिना हिसाब से पैसा की मांग की जाती थी, जब वादी के कंपनी ने सुत मिल के संचालक से एक बार पैसा बिल देने को कहा। इस पर सूत मिल संचालाक ने 1999 में मौखिक एग्रीमेंट खारीज करने का धमकी दिया। इसके बाद सूत मिल बंद हो गया, लेकिन वादी के कंपनी का लगा लाखों रूपया सुत मिल ने वापस नही किया। इसके बाद वादी के कंपनी ने सब जज प्रथम के न्यायालय में वाद लाया।
रिक्वेस्ट केश में आया था मामला :
सब जज न्यायालय मधुबनी के वादी के कंपनी के सुत मिल का यथास्थिति आवेदन के खारीज होने के बाद मामला उच्च न्यायालय में चला गया, जहाँ उच्च न्यायालय के आदेश पर मामला एक मात्र मध्यस्थ न्यायालय सेवानिवृत न्यायमुर्ति घनश्याम प्रसाद के न्यायालय में रिक्वेस्ट केश दाखिल किया गया। इसमें मध्यस्थ न्यायालय ने 28 लाख 90 हजार 168 रूपये पर 12 प्रतिशत जोड़कर कुल 49 लाख 47 हजार 968 रूपये, दो लाख क्षतिपूर्ति राशि, 70 हजार मुकदमा खर्च एवं मध्यस्थ की फीस 1 लाख 80 हजार रूपये 20 अगस्त 2014 तक देने का आदेश जारी किया, लेकिन सूत मिल प्रबंधक ने आदेश का पालन नही किया।
उच्च न्यायालय के आदेश पर इजराय वाद हुआ दाखिल :
सूत मिल प्रबंघक द्वारा मध्यस्थ न्यायालय के आदेश नही माने जाने पर उच्च न्यायालय के आदेश पर जिला एवं सत्र न्यायालय में कंपनी ने इजराय वाद दाखिल किया। इजराय वाद के सुनवाई के वाद प्रघान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी ने 4 करोड़ 17 लाख24 हजार 459 रूपये समाहर्ता को देने का आदेश जारी किया है। मामले में पंद्रह दिनों के अन्दर आदेश कि राशि नही देने पर समाहरणालय की भवन सहित भूमि की निलामी की प्रक्रिया शूरू करने का आदेश जारी किया है।