- विद्यापति जी के रचना पर सम्पादक मंडल सदस्य द्वारा बिस्फी दर्पण भेंट किया गया
खबर दस्तक
मधुबनी/बिस्फी :
भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का बिस्फी में भोगेंद्र यादव सद्भावना हॉल में आज की भारत में डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रासांगिकता और महाकवि विद्यापति जी के रचना पर बुद्धिजीवियों का सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता विद्यापति बिस्फी दर्पण के संपादक मंडल के सदस्य, सेवानिवृत्त शिक्षक शिव शंकर राय ने किया, सेमिनार के मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद् मार्क्सवादी चिंतक बादल सरोज एवं सीपीएम के बिहार राज्य सचिव ललन चौधरी मौजूद रहे।
मार्क्सवादी शिक्षाविद् बादल सरोज ने कहा कि आज के भारत में डॉ भीमराव अम्बेडकर को पढ़ना चाहिए। उनके विचारों को गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने समानता, छूआछूत, शिक्षा, महिलाओं का उत्थान प्रगति समग्र भारत को पहचानने वाले डॉ भीमराव अम्बेडकर ने गरीबों के अधिकार के लिए जीवन सदैव रचनाएं कर श्रमिकों के अधिकारों के लिए ट्रेड यूनियन बनाकर लाल झंडा के तले संघर्ष करते रहे। उन्होंने संविधान निर्माताओं की अगली कतार ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन के रूप में भारत को संविधान दिया और दुनिया उनको समाजिक परिवर्तन करने प्रख्यात विद्वान वैज्ञानिक सोच के नेता बने रहे।
उन्होंने विद्यापति की रचना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज 700 साल पहले उन्होंने मैथिली साहित्य भाषा में एक से एक बढ़कर रचनाएं किए। उस दौर के प्रख्यात साहित्यकार, रचनाएं कर समाज को एक दिशा देने का काम किए उन्होने कहा। आज मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मिथिला विभूति के स्थान पर आने का मौका मिला, जिसके लिए मैं आप सभी का शुक्रिया करता हूं। उन्होंने विद्यापति, नागार्जुन, महर्षि चरक संहिता की भी विस्तार से प्रकाश डाला।
मौके पर सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी, विद्यापति बिस्फी दर्पण के सम्पादक मंडल के सदस्य श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रविन्द्र नाथ शर्मा, शिक्षा सेवी चन्द्रेश्वर यादव, मनोज कुमार यादव, प्रेम कान्त दास, दिलीप झा ने संबोधन किया।
सभी प्रबुद्ध नागरिक, बुद्धिजीवियों को विद्यापति बिस्फी दर्पण संपादक मंडल के सदस्य सेवानिवृत्त शिक्षक शिव शंकर राय और रविंद्र नाथ शर्मा द्वारा विद्यापति बिस्फी दर्पण सभी को पुस्तक भेंट किया। इस पुस्तक में महाकवि कोकिल विद्यापति जी के बारे बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा।