खबर दस्तक
मधुबनी :
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के फेज 2.0 के तहत नगर निगम क्षेत्र के करीब आठ हजार आवेदकों के अनुदान भुगतान का पेंच जमीन की रसीद व एलपीसी में फंस गया है। आवास लाभ के लिए कुल 12144 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 8917 लालुकों का आवेदन जांच प्रकिया में है, वहीं, 106 आवेदन निरस्त कर दिया गया। 659 आवेदकों का जीयो टैंग किया गया है। पहले फेज के लिए नगर निगम कार्यालय द्वारा 719 आवेदन स्वीकृत किए गए। इन आवेदकों के राशि भुगतान की घोषणा अप्रैल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इसमें अब तक करीब 350 लाभुकों के बैंक खाते में पहला किस्त के रुप में एक-एक लाख रुपये का भुगतान किया गया। दूसरे चरण के लिए 1743 आवेदनों को अनुदान भुगतान के लिए विभाग को भेजा गया है।
आवेदकों के पूर्वजों के नाम से पूर्व से कट रही जमीन की रसीद :
आवास लाभ के लिए आवेदन को कई तरह की कागजात के साथ आनलाइन आवेदन के दौरान आवास निर्माण के लिए उल्लेखित जमीन की रसीद व एलपीसी अनिवार्य माना गया है, जबकि, आवेदकों द्वारा जमीन की रसीद व एलपीसी उपलब्ध नहीं किया जा रहा है। ऐसे अधिकांश आवेदकों के उल्लेखित जमीन का कागजात उनके पूर्वजों के नाम से है। बड़ी संख्या में पूर्वज अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। ऐसे जमीन का आपसी बंटवारा होकर आवेदक के नाम से जमाबंदी कायम नहीं हो सकी है, जिससे आवेदक के नाम से जमीन की रसीद व एलपीसी निर्गत नहीं हो रहा है। पूर्वजों के नाम से पूर्व से चली आ रही पुरानी जमाबंदी की रसीद भी अधतन होना मुश्किल हो गया है। नियम के अनुसार मृतक के नाम से जमीन की रसीद अधतन नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में आवास आवेदकों के समक्ष अपने नाम की जमीन की रसीद, एलपीसी मिलना मुश्किल हो गया है। आवेदक फिलहाल आवास के लाभ से वंचित हो गए हैं।
जमीन की रसीद व एलपीसी नहीं होने से परेशानी :
कई आवेदकों ने बताया कि जमीन की रसीद व एलपीसी नहीं होने से परेशानी हो रही है। आवेदक सुरेंद्र राय, सावित्री देवी, मदन देवी, सुनीता देवी ने बताया कि वर्षो पूर्व पर्चा में मिले जमीन की रसीद के लिए राजनगर अंचल कार्यालय को आवेदन दिया है, लेकिन जमीन की रसीद उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इधर, वार्ड 28 के पार्षद सुनीता देवी, वार्ड चार के पार्षद अरुण कुमार ने बताया कि उनके वार्ड के एक भी लाभुकों का भुगतान नहीं हो सका है।
वहीं, पार्षद कैलाश सहनी ने बताया कि उनके वार्ड में मात्र चार लाभुकों को प्रथम किस्त एक-एक लाख रुपये का भुगतान होने की जानकारी है।
बिचौलियों के चंगुल में फंस रहे हैं आवेदक :
आवास आवेदकों को अपने नाम की जमीन की रसीद व एलपीसी हासिल करना उनके लिए टेढ़ी खीर बन गई है। जमीन की रसीद व एलपीसी से वंचित आवास आवेदकों बिचौलियों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। ऐसे आवेदकों अपने नाम जमीन की रसीद व एलपीसी लिए आवेदकों संबंधित राजस्व कर्मचारी व अंचल कार्यालय का चक्कर लगा थककर बिचौलियों के चक्कर में पड़ गए हैं। जानकारी के अनुसार जमीन की रसीद व एलपीसी के लिए एक दर्जन से अधिक बिचौलिया आवेदकों से नाजायज राशि उगाही में लगे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी :
नगर आयुक्त अनिल चौधरी ने बताया कि आवास योजना लाभ के लिए लाभुकों को आनलाइन आवेदन की प्रकिया अपनाना होता है। प्रावधान के अनुसार जमीन संबंधित सभी कागजात समर्पित किया जाना होता है। कागजात समर्पित के लिए एक निर्धारित अवधि दी जाती है।