मिथक तोड़ करें रक्तदान, खुद रहें स्वस्थ दूसरों की बचाएं जान : सिविल सर्जन
रक्तदान से हर्ट अटैक के खतरे से होता है बचाव : डॉ. कुणाल किशोर
खबर दस्तक
मधुबनी :
मधुबनी सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है, ताकि रक्तदान के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके। यह स्वैच्छिक, अवैतनिक रक्तदाताओं का ध्यान जीवन और मानवता का जश्न मनाने के लिए आकर्षित करने का एक साधन है। यह दिन न केवल लोगों को रक्तदाताओं को उनके दयालु कार्यों के लिए धन्यवाद देने में मदद करता है, बल्कि यह सुरक्षित रक्तदान प्रथाओं के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है।
शनिवार को सदर अस्पताल में विश्व रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसमें एनसीसी कैडेट्स, समेत अन्य कई सामाजिक संस्था के सदस्यों द्वारा रक्तदान किया जाएगा।
विश्व रक्तदाता दिवस 2025 थीम “रक्त दें, आशा दें : साथ मिलकर हम जीवन बचाते हैं” रखा गया है। यह थीम रक्तदाताओं के जीवन-परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालती है, समुदाय और एकता का सम्मान करती है, तथा नए और नियमित रक्तदाताओं दोनों को जीवन बचाने में मदद करने के लिए प्रेरित करती है।
विश्व रक्तदाता दिवस की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2004 में की गई थी। मधुबनी सदर अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ कुणाल कौशल ने लोगों से मिथक तोड़ रक्तदान करने की अपील किया है। उन्होंने कहा कि रक्तदाता रक्तदान कर खुद को स्वस्थ रखने के साथ ही दूसरों की जान भी बचाते हैं। रक्तदान से हर्ट अटैक के खतरे से भी बचाव होता है। स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइंस के अनुसार रक्तदान करने वालों को कई तरह की सुविधाएं भी दी जा रही हैं। जरूरत है, कि लोग बढ़ चढ़ कर रक्तदान करें। दुनिया में खून की जरूरत को पूरा करने के लिए लोग रक्तदान करते हैं। रक्तदाता के रक्तदान करने के जज़्बे को सम्मान देने के लिए 14 जून को वर्ल्ड ब्लड रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
ब्लड बैंक के प्रभारी डा. कुणाल कौशल ने कहा कि रक्तदान करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। रक्तदान करने के बाद शरीर में नये रक्त का निर्माण होता है। इससे शरीर की कोशिकाओं को मजबूती मिलती है। रक्तदान करने वाले लोगों को ध्यान रखना होगा कि वे स्वस्थ्य रहें. एक स्वस्थ्य व्यक्ति 18 साल की उम्र के बाद से रक्तदान कर सकता है। उसका वजन 45 से 50 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए। इसके अलावा रक्तदान करने वाले को एचआईवी, हेपाटिटिस बी या हेपाटिटिस सी जैसे रोग नहीं हुआ हों। रक्तदान करने वाले को शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। नियमित रूप से रक्तदान करने वालों को मछली, पालक व किशमिश जैसी आयरन से भरपूर पोषक तत्व लेने चाहिए।
मिथक तोड़ बेफिक्र होकर करें रक्तदान :
सिविल सर्जन डॉक्टर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी युवाओं को रक्तदान में अधिक-से-अधिक संख्या में हिस्सा लेना चाहिए। रक्तदान महादान की श्रेणी में आता है। रक्तदान करने से जरूरतमंदों की मदद होती ही है, साथ ही रक्तदाता कार्ड प्राप्त कर भविष्य में अपने या परिवार के लिए जरूरत पड़ने पर आसानी से रक्त प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान से कमजोरी आती है, इस मिथक को तोड़ बेफिक्र होकर रक्तदान करें, क्योंकि रक्तदान से रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि जिले में थैलेसीमिया के 72 से अधिक मरीज हैं, जिसे हर माह ब्लड बैंक से लगभग सौ यूनिट ब्लड निःशुल्क दिया जाता है, साथ ही दुसरे मरीजों को भी नि:शुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है।
रक्तदाता इन बातों का रखें ख्याल :
18 साल से 65 साल के लोग रक्तदान कर सकते हैं.
45 किलोग्राम वजन के लोग 350 मिलीलीटर एवं 55 किलोग्राम से ऊपर वजन के लोग 450 मिलीलीटर रक्त दान कर सकते हैं.
12.50 ग्राम हीमोग्लोबिन या इससे अधिक होने पर ही रक्तदान संभव है.
एड्स, उच्च रक्तचाप, अत्यधिक मधुमेह एवं थेलेसीमिया जैसे अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं.
रक्तदाता का वजन 45 किलोग्राम से कम नहीं हो.
रक्तदान देने से 24 घंटे पहले शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन नहीं करें.