- चापाकल हुए बंद, पानी की बढ़ी समस्या
खबर दस्तक
मधुबनी:
शहर में लगातार भूजल स्तर गिरावट होने के कारण पानी को लेकर परेशानी बढ़ गया है। शहर में जहां सभी तरह के चापाकल पानी देना बंद कर दिया है, वहीं सभी वार्ड में नलजल योजना का सुविधा नहीं होने के कारण लोगो को बाजार से पानी खरीद कर पीना पड़ता है। पिछले एक सप्ताह में शहर में एक फूट भूजल स्तर नीचे जाने के कारण आईएम 2 व 3 चापाकाल से भी पानी कम मिलने लगा है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर में भू-जल स्तर 45 फूट नीचे चला गया है। सामान्य भू-जल 24 फूट होना चाहिए।
- पानी के लिए किस पर निर्भर हैं लोग
विभाग के कार्यपालक अभियंता विपुल कुमार आनंद ने कहा कि शहर में पानी की आपूर्ति नगरनिगम को करना है। शहर में पानी की आपूर्ति के लिए हमारे विभाग को किसी तरह का निर्देश नहीं मिला है। विभाग के द्वारा सिर्फ भू-जल स्तर क्या है इसका जानकारी देना है.शहर के कई वार्ड में नलजल योजना चालू नहीं होने के कारण आम लोगों को पानी की परेशानी सता रहा है। वार्ड नंबर एक में नलजल के लिए समरसेवल तो लगा दिया गया, लेकिन जलापूर्ति के लिए पाइप वायरिंग नहीं होने के कारण लोगो को पानी नहीं मिल रहा है। इसी तरह आरके कॉलेज के नजदीक के बस्ती में नलजल योजना नहीं रहने के कारण कुछ दिनों तक नगरनिगम से टैंकर से पानी दिया गया।
- डब्बा बंद पानी का खपत बढ़ा
शहर में पानी को लेकर बढ़ रहे परेशानी में कमी नहीं आ रहा है। भू-जल स्तर लगातार नीचे जाने के कारण लोग अब डब्बा बंद पानी खरीद कर पीने को विवश हैं। पिछले एक सप्ताह में डब्बा बंद पानी के खपत में पांच हजार जार का वृद्धि हुआ है। सप्ता के पानी कारोबारी अतुल कुमार यादव ने कहा कि सुबह में दो सौ लोग अपना डब्बा लेकर पानी ले जाते है। स्टाफ के कमी के कारण सभी के घर तक पानी पहुंचा नहीं सकते हैं, इस वजह से लोगों को प्लांट पर आकर पानी लेना पड़ता है। पानी के प्लांट संचालक संजय कुमार ने कहा कि अचानक मांग बढ़ने के कारण बहुत ज्यादा लोड बढ़ गया है। बीस लीटर के जार का मांग बढ़ गया है। जबकि डिमांड के अनुसार जार उतना नहीं रहने के कारण लोगो को अपना जार लेकर आना पर रहा है।
- पानी के प्लांट संचालक को भी हो रही परेशानी
पानी के प्लांट संचालक संजय कुमार ने कहा कि भू-जल स्तर नीचे जाने के कारण प्लांट में लगे समरसेवल भी पानी देना कम कर दिया है। दिन में प्लांट से पानी कम मिलने के कारण सुबह शाम ही पानी दिया जा रहा है। सरकारी कार्यालय में भी जहां पहले एक जार पानी का मांग था, वहां दो से तीन जार पानी की मांग हो गई है। शहर में लगभग एक दर्जन पानी का प्लांट लगा हुआ है। इन दिनों सभी प्लांट से करीब तीन सौ से चार सौ जार तक का खपत बढ़ गया है।