MADHUBANI NEWS :
खबर दस्तक
मधुबनी :
निदेशक, उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय, विभाग, बिहार, पटना के निदेश के आलोक में दिनांक 31.05.2025(शनिवार) को वाटसन उच्च विद्यालय, मधुबनी के सभाकक्ष में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु उर्दू भाषी विद्यार्थी प्रोत्साहन राज्य योजना के तहत उर्दू भाषी छात्र/छात्राओं के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें वर्ग मैट्रिक, इन्टरमिडियट एवं स्नातक तथा समकक्ष के छात्र/छात्राओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उदघाटन श्री अरविन्द कुमार वर्मा, जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा दीप जलाकर किया गया।
मेराज अहमद, प्रभारी पदाधिकारी, जिला उर्दू भाषा कोषांग मधुबनी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन मो. मुहतदा एवं सैय्यद अमीर मो. आविया द्वारा किया गया। सभी उपस्थित छात्र/छात्राओं द्वारा मैट्रिक हेतु तालीम की अहमियत/नज्म एवं रूबाई, तारीफ व तौजीह/सड़क हादसात के नुकसानात एवं इससे बचाव की तरकीब। इन्टरमिडियट हेतु उर्दू जबान की अहमियत/फन्ने अफसाना निगारी, एक जायज़ा/शजर कारी की अहमियत एवं स्नातक हेतु उर्दू ग़ज़ल की मकबूलियत/नाविल निगारी, एक जायज़ा/माहौलियाती आलूदगी के बूरे नतायेज और इससे बचाव की तरकीब विषय पर लेख पढ़ा।
तदनोपरान्त निर्णायक मंडल में डॉ. मरगूब आलम, अब्दुल गनी, मो. मोनाजिर हुसैन, मो. अली अखतर एवं बुशरा रहमान शेख द्वारा मूल्यांकन के पश्चात सभी वर्ग समूह के प्रत्येक समूह से 8-8 छात्र/छात्राओं का प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हेतु चयन किया गया एवं उन्हें प्रोत्साहन राशि, प्रशस्ति-पत्र एवं मेंडल से सम्मानित किया गया। मैट्रिक वर्ग में प्रथम स्थान:- सरवर हुसैन, इन्टरमिडियट वर्ग में प्रथम स्थान:- मो. जिशान एवं स्नातक वर्ग में प्रथम स्थान:- मो. कैफ ने प्राप्त किया।
आज के कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए राजेश कुमार सिंह, बि.प्र.से. अपर समाहर्त्ता, मधुबनी ने वाद-विवाद प्रतियोगिता के शीर्षक की विवरणी और उसकी आश्यकता पर प्रकाश डालते हुए वर्त्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभाव एवं इससे बचाव के उपाय/वृक्षारोपण का महत्व/सड़क दुर्घटना एवं उसके बचाव के उपाय के सम्बन्ध में उर्दू भाषा के माध्यम से दूर करने का आह्वान किया।
उर्दू भाषी बिद्यार्थी प्रोत्साहन राज्य योजना के तहत छात्र/छात्राओं के बीच आज के वाद विवाद प्रतियोगिता में ऐसे विषय का चयन किया गया है। तालीम की अहमियत/ नज्म एवं रूबाई, तारीफ व तौजीह/सड़क हादसात के नुकसानात एवं इससे बचाव की तरकीब/उर्दू जबान की अहमियत/फन्ने अफसाना निगारी, एक जायज़ा/शजर कारी की अहमियत/उर्दू ग़ज़ल की मकबूलियत/नाविल निगारी, एक जायज़ा/माहौलियाती आलूदगी के बूरे नतायेज और इससे बचाव की तरकीब जिसपर छात्र/छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त की गयी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मो. मुहतदा, उर्दू अनुवादक, मो. जाकिर हुसैन, सहायक उर्दू उनुवादक, बुसरा हबीव, उर्दू अनुवादक, तनवीर आलम, उर्दू अनुवादक, मजहर ईमाम, उर्दू अनुवादक, मो. इरसाद, उ.व.लि., गजन्फर अली, उ.व.लि. एवं सभी नव नियुक्त सहायक उर्दू अनुवादकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
अन्त में प्रभारी पदाधिकारी, जिला उर्दू भाषा कोषांग, मधुबनी के अध्यक्षीय भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात कार्यक्रम की कारवाई समाप्त की गयी।