खबर दस्तक :
- “देखें साफ करें ढ़के-डेंगू हारने के उपाय करें” इस की थीम
- साफ व स्थिर पानी में पनपता हैं एडीज के मच्छर
मधुबनी
डेंगू एक गंभीर बीमारी के तौर पर उभरा है। हर साल इस घातक बीमारी की वजह से लाखों लोगों की जान जाती है। इसके कारण डेंगू बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में अपने निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. ए.के. सिन्हा ने सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। सिविल सर्जन डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया जिले के सभी अधीक्षक, उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीयों, गैर सरकारी संगठनों एवं सहयोगी संस्था के साथ समन्वय स्थापित कर डेंगू के रोकथाम के प्रति जनसमुदाय को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने का निर्देश दिया जायगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय डेंगू दिवस के आयोजन से संबंधित प्रतिवेदन तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि राज्य को प्रतिवेदन ससमय भेजा जा सके।
- क्या कहते हैं अधिकारी :
सिविल सर्जन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से डेंगू का प्रभाव काफी बढ़ गया है। मानसून के आरंभ होते ही डेंगू का प्रसार बढ़ जाता है। इसके कारण डेंगू दिवस से इसके रोकथाम की गतिविधियों को भी तेज कर दिया जाता है, जो ट्रांसमिशन सेशन के खत्म होने तक जारी रहेगा। राष्ट्रीय डेंगू दिवस की इस वर्ष का थीम “देखें साफ करें ढ़के-डेंगू हारने के उपाय करें” रखा गया है। उन्होंने कहा कि डेंगू की बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है। इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगता है। प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाने से मरीज की मौत भी हो जाती है। डेंगू के मामले मानसून के शूरू होने के बाद से ही सामने आने लगता है। सीएस ने कहा कि डेंगू का लार्वा सात दिन या उससे अधिक ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपता है। ऐसी स्थिति में लापरवाही बरतने पर डेंगू फैलने की आशंका बढ़ जाता है। डेंगू एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होता है। डेंगू वायरस मच्छर दिन में काटने से फैलता है।
- एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू :
सीएस ने कहा कि एडीज मच्छर दिन में काटता है, और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। इसके साथ ही त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक-मसूढ़ों से उल्टी के साथ रक्त स्राव होना एवं काला पखाना होना डेंगू का लक्षण है। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो, तो तत्काल अस्पताल जाकर इलाज करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है, तो वैसे लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति को दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
- समय पर इलाज कराने पर मरीज हो जाता स्वस्थ्य :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी.एस. सिंह ने कहा कि सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता है। बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। चिकित्सक द्वारा जांच के बाद सलाह के अनुसार अपना इलाज करवाना चाहिए। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती होना पड़ता है। समय पर इलाज कराने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है।
- दिन में सोते समय भी करें मच्छरदानी का उपयोग :
डॉ सिंह ने कहा कि लोगों को दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करना चाहिए। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ-सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी एवं फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें. पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।
- डेंगू के लक्षण :
अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार.
मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना.
आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है.
जी मिचलाना एवं उल्टी होना.
गंभीर मामलों में नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना.
त्वचा पर चकत्ते उभरना.
बचाव के उपाय:
एडीज के मच्छर साफ स्थिर पानी में पनपते हैं.
कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रीज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें एवं धूप में सुखाकर प्रयोग करें.
घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली के परदे लगाएं.