MADHUBANI NEWS :
मधुबनी ( कार्तिक कुमार ) :
मधुबनी जिला मुख्यालय में दो दशकों से जर्जर स्टेडियम के पुनर्निर्माण का कार्य शुरु होने से लोगों में एक आस जगी है। स्टेडियम के पुनर्निर्माण कार्य शुरू होने से जिला मुख्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रो के खिलाड़ियों को स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर खेलने के लिए एक स्थान हो पायेगा। इससे खिलाड़ियों में खुशी का माहौल है। वर्तमान में जिला मुख्यालय में एक भी ऐसा मैदान नहीं है, जहां यहां के खिलाड़ी खेलने का प्रैक्टिस कर सकें।
- जर्जर हो चुका था स्टेडियम :
जिला मुख्यालय में स्थित स्टेडियम का निर्माण 1987ई. में लगभग 35 लाख रुपए की लागत से किया गया था। यह स्टेडियम 4.18 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इस स्टेडियम में लगभग 25 हजार दर्शकों की बैठने की क्षमता है। अपने निर्माण काल के समय में स्टेडियम बहुत ही खूबसूरत हुआ करता था। इस स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी मैच,दिलीप ट्राफी मैच का आयोजन हो चुका है। भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सहित कई बड़े खिलाड़ी इस मैदान में खेल कर अपने प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं, पर उचित देखभाल के अभाव में समय के साथ यह स्टेडियम जर्जर अवस्था में पहुंच गया। स्टेडियम के बाहर की सड़क स्टेडियम के स्तर से ऊंची होने के कारण एवं आसपास के घरों का गंदा पानी स्टेडियम में जमा होने लगा। स्टेडियम तालाब का रूप ले लिया। स्टेडियम जलकुम्भी व पानी से भर गया। जर्जर स्टेडियम गाय, भैंसो और सूओरों का चारागाह बन गया। स्टेडियम की दीवारें और बिल्डिंग ध्वस्त हो गया। पूरा स्टेडियम में जलजमाव कचरा एवं जलकुंभी भरा है एवं यहाँ असामाजिक तत्वो का अड्डा बना रहता है। स्टेडियम लगभग 25 वर्षों से खंडहर का रूप ले चुका है।
- स्टेडियम के पुनर्निर्माण की मांग बहुत दिनों से हो रही थी :
स्थानीय लोग एवं खिलाड़ियों द्वारा स्टेडियम के पुनर्निर्माण की मांग बहुत दिनों से कर रहे थे। राज्य सरकार के युवा एवं खेल विभाग द्वारा इस स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए 20.37 करोड़ रुपया की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
- क्या कहते हैं पदाधिकारी :
जिला के युवा एवं खेल विभाग के पदाधिकारी नीतीश कुमार ने कहा कि स्टेडियम के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। भवन निर्माण विभाग के देख रेख में हरियाणा के एक कंपनी द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया गया है। पहले चरण में स्टेडियम के मैदान से जलकुम्भी व जलनिकासी कराया जाएगा। फिर मुख्य सड़क से ऊपर के लेवल में मिट्टीकरण कर ड्रेनेज सिस्टम सहित सारे कार्य कराए जाएंगे।