MADHUBANI NEWS :
मधुबनी ( कार्तिक कुमार ) :
मधुबनी जिला भर में गिरते भुजल स्तर विकराल समस्या का रूप धारण कर रहा है। खासकर शहरी क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या को गिरते भुजल स्तर से गर्मी के दिनों में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो रहा है। ऐसे में जल संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कई सरकारी और सामुदायिक प्रयास किया जा रहे हैं। जिनका उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई सुविधा में सुधार, भुजल स्तर में सुधार और जल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा जिले में कई कार्य संपन्न कराए जा रहे हैं। जल-जीवन हरियाली के तहत भी जल संरक्षण को लेकर कई उपाय किये जा रहे हैं।
- जयनगर बैराज परियोजना :
जिला के जयनगर में एक अत्याधुनिक बराज का निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी लागत 405.66 करोड़ है। इस परियोजना से जयनगर,बासोपट्टी, खजौली, लदनियां, कलूआही, हरलाखी, सहित जिले के 44,960 हैकटेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी।
- पश्चमी कोसी नहर परियोजना :
पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की मंजूरी 1962 में हुई थी, पर यह योजना शुरुआत काल के बाद से अधूरा परा था। अब इस परियोजना को फिर से सक्रिय किया गया है। इस परियोजना के लिए 810 करोड़ रुपया की स्वीकृत हुई है। इस परियोजना से 64,241 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को सृजित की जाएगी, जिससे इस परियोजना की कुल सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 2.65 लाख हैक्टेयर भूमि पर होगी। इसके अलावा कमला बलान नदी के दाएं और बाएं भाग के तटबंधों को ऊंचा करने, सुदृद्धिकरण और पक्कीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिससे जिले के कई प्रखंडों को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी और जल संरक्षित रहेगी। नदी ताल की सफाई और जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि के लिए जीवछ, कमला, पुरानी कमला और सुगरवे नदियों के ताल की सफाई, गहराई बढ़ाने और जल संग्रहण की क्षमता में वृद्धि करने के कार्य शुरू हो गए हैं, जिससे सिंचाई सुविधा में सुधार होगा और भूजल स्तर में भी सुधार होगा।
- जल-जीवन हरियाली :
जल-जीवन हरियाली के तहत जिले में तालाब और कुएं के गाद की सफाई के साथ सार्वजनिक जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है, जिससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी इसके अलावा वृक्षारोपण के भी कार्य बड़े स्तर पर की जा रही है। घोघरडीहा प्रखंड में मेघ-पाइन अभियान के तहत वर्षा जल संरक्षण की पहल की गई है। इस अभियान में घरों की छत पर जमा होने वाली वर्षा जल को टैंकों में संग्रहित किया जाता है, जिससे पेयजल की किल्लत को दूर किया जा सके।
- क्या कहते हैं अधिकारी :
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने लोगों से भूजल संचयन की अपील करते हुए कहा कि जन सहभागिता से ही जल जीवन हरियाली अभियान सफल होगा। लोगों को अपने घरों के ऊपर जल संचयन का समुचित प्रबंधन करने एवं जल को व्यर्थ बहाने से बचने का आह्ववान किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर तो नदी, तालाबो में कार्य कराया जा रहा है, पर लोगों को भी जागरूक होना होगा तब ही जल संरक्षण का कार्य सफल होगा।