MADHUBANI / LADANIA NEWS :
मधुबनी / लदनियां ( राम कुमार यादव ) :
मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड क्षेत्र के 216 वार्डों में लगभग 218 के अलावे प्रखंड मुख्यालय स्थित जल मीनार से एक बुंद पानी नहीं टपक रहा है। बढ़ते गर्मी में लोगों को मुख्यमंत्री हर घर नल-जल योजना लोगों को प्यास बुझाने में विफल साबित हो रहा है। सरकार ने अपने सबसे महत्वपूर्ण जनसरोकारी योजना मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर नल-जल योजना का शुभारंभ कर गुणवत्ता पूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अधिक से अधिक दो सै के आवादी पर एक नल-जल योजना का शुभारंभ कर लोगों को गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने की योजना का शुभारंभ किया था। वर्ष 2018 से 2021 के बीच पंचायत के मुखिया द्वारा वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति गठन कर प्राक्कलन तैयार करा कर वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के खाते में राशि का हस्तांतरण कर नल-जल योजना को पूर्ण कर लोगों को गुणवत्तापूर्ण पानी उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया। परंतु योजना में आपूर्तिकर्ता के नाम पर शामिल विधायक, सांसद के चापलूस एवं चाटूकारों ने इन लोगों के दबाव में वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति से राशि लेकर काम को अधुरा छोड़ दिया। परंतु विडंबना है कि कमिशन लेने वाले अधिकारियों ने अधुरा काम को पूर्ण दिखा कर मापी पुस्तिका तैयार कर दिया।
ज्ञात हो कि लदनियां प्रखंड मुख्यालय में 2000 के दशक में लोगों को गुणवत्तापूर्ण पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महथा पंचायत के महथा, नवटोली, छपकी लदनियां के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर जलमीनिर का निर्माण पीएचइडी विभाग के द्वारा किया गया था, जो अधुरा रहने के कारण लोगों को पानी उपलब्ध कराने में सफल नहीं रहा, फिर भी 2008 में बिहार के मुख्यमंत्री एवं तत्कालीन पीएचइडी मंत्री ने रिमोट से उद्धघाटन कर दिया था। पुनः 2019-2020 में विभाग ने नया निविदा निकाल कर एक करोड़ 61 लाख के लागत से उक्त जलमीनार को दुरुस्त कर लोगों के घर तक गृह जल योजना के माध्यम से बतौर संवेदक काम दिया, जो कार्य आज तक अधुरा है। संवेदक वार्ड नंबर 01 को छोड़ कर 02,03,04,05 का कार्य पूर्व में लगे लोहा पाइप के जगह प्लास्टिक पाइप लाइन बिछाया, जो लोगों का प्यास बुझाने में असफल रहा।
इधर विभाग एवं संवेदक का दावा है कि हर घर नल-जल योजना का लाभ मिल रहा है, परंतु विडंबना है कि बिना एनओसी प्रखंड क्षेत्र में नल-जल योजना का टावर निर्माण कार्य पूर्ण कैसे हुआ। अगर पूर्ण हुआ, तो बिजली कनेक्शन प्राप्त क्यों नहीं हुआ? ऐसे स्थिति में नल-जल योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है, कल्पना से पड़े है। लोगों की शिकायत को तो छोड़िए, बुधवारी जांच में अधिकारियों ने क्या देखा जांच प्रतिवेदन आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया। जबकि जांच के नाम पर सरकार ने लाखों रुपए खर्च किए हैं। लोगों के अनुसार जांच अधिकारी ने भी मोटी रकम वसूल कर जांच का खानापूर्ति कर लिया है। जबकि वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति से राशि उठाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। ऐसा भी वार्ड है, जहां सरकार के निर्देश पर बुधवारी जांच में प्रखंड से लेकर अनुमंडल स्तरीय अधिकारियों ने किया है। कई वार्डों पर पांच वर्षो से सरकारी राशि बकाया है। मापी पुस्तिका के हिसाब से कार्य स्थल के सच्चाई से नहीं।