MADHUBANI / LADANIA NEWS :
मधुबनी/लदनियां ( राम कुमार यादव ) : मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड मे वित्तरहित एसएमजे डिग्री कॉलेज खाजेडीह में काम करने वाले शिक्षकों में हाई कोर्ट पटना के आदेश से हर्ष की लहर दौड़ पड़ी है। इस खबर के सुनते ही शिक्षकों ने पटाखे फोड़ खुशी का इजहार किया। कोर्ट के आदेश से इन शिक्षकों को संजीवनी मिल गई है। ये शिक्षक 35-40 वर्षों से अवैतनिक काम करते आ रहे हैं। अब इन शिक्षकों को कोर्ट के आदेश से वेतन व पेंशन का लाभ मिलनेवाला है। हलांकि कुछ काॅलेजों में छात्र आधारित अनुदान मिलता रहा है, जो अल्प है।उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने राज्य सरकार के दो अपीलों को खारिज करते हुए 19 अप्रैल 2007 से पूर्व नियुक्त सभी योग्य शिक्षकों को वेतन व पेंशन देने का आदेश दिया है। इसके लिए सरकार को तीन माह की अवधि में संबंधित विश्वविद्यालयों को आवश्यक ग्रांट जारी करने का निर्देश दिया है। उक्त निर्णय कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार व न्यायाधीश पार्क सारथी की खंडपीठ ने दिया है।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा 57-ए में वर्ष 2015 में किए गए संशोधन का लाभ उन सभी शिक्षकों को मिलेगा, जो मान्यताप्राप्त निजी डिग्री काॅलेजों में नियुक्त हुए हैं, भलेही उनके काॅलेज डिफीसीट ग्रांट के अन्तर्गत आते हों या परफार्मेंस ग्रांट के। अदालत ने राज्य सरकार के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया कि यह केवल उन संस्थानों पर लागू होता है, जो छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर ग्रांट प्राप्त करते हैं। अदालत ने कहा कि ऐसा भेदभावपूर्ण रवैया विभाग की संकीर्ण सोच को दर्शाता है, जो शिक्षानीति के व्यापक उद्देश्य के विपरीत है।
इन शिक्षकों की नियुक्ति काॅलेजो के शासीनिकाय के द्वारा की गई थी, परन्तु बिहार काॅलेज सेवा की स्वीकृति नहीं ली गई थी। आयोग के विघटन के बाद काॅलेज स्तर पर चयन समिति गठित की गई, जिसे नियमित नियुक्तियों के लिए अधिकृत किया गया। इसके बावजूद शिक्षकों को वेतन व सेवांत लाभ नहीं मिल रहा है।
कोर्ट ने माना कि निजी संस्थानों की स्थापना राज्य सरकार द्वारा नए काॅलेजों की स्थापना में रुचि न लेने के कारण हुई थी। इन संस्थानों के पास संसाधन व योग्य संकाय उपलब्ध हैं, जिन्हें शिक्षा व्यवस्था में शामिल करना आवश्यक है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि जो शिक्षक रिटायर्ड कर चुके हैं, उन्हें भी पेंशन व अन्य लाभ दिए जाए।
इस फैसले का स्वागत करते हुए हर्ष प्रकट करने वालों में प्राचार्य डाॅ. शशिभूषण कुमार, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रो. गौरीशंकर कामत, महासचिव प्रो. भोला प्रसाद महतो, प्रो. राममूर्ति सिंह, प्रो. शंभूनाथ, डाॅ.रामदयाल यादव, प्रो.विश्वरंजन सिंह, प्रो. शंभूनाथ यादव, डाॅ. अशोक कुमार, प्रो. हरिनारायण यादव, प्रो. सुभाष कुमार सिंह, प्रो. रेखा कुमारी, प्रो. सारिका कुमारी, प्रो. लेश कुमार सिंह, प्रो. रविन्द्र कुमार सिंह, प्रो. कामानंद प्रसाद, प्रो. शीतल मंडल, प्रो. लुचाई सिंह, प्रो. देवकांत झा, प्रो. राघवेन्द्र ठाकुर, प्रो. महेन्द्र सिंह, प्रो. रामचन्द्र सिंह समेत अन्य काॅलेज शामिल हैं।