MADHUBANI / HEALTH NEWS :
मधुबनी: लैब टेक्नीशियन दिवस के बारे में जानना और मेडिकल लैब टेक्नीशियन की भूमिका को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। यह चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और रोगों के निदान में मदद करते है। 15 अप्रैल को लैब टेक्नीशियन दिवस मनाया जाता है, जो माइक्रोस्कोप के आविष्कारक जकारिया जॉनसन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
उपरोक्त जानकारी लैब टेक्नीशियन मोo इसमतुल्लाह गुलाब ने बताई।
उन्होंने बताया कि मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जैसे कि डीएमएलटी, बैचलर डिग्री प्रोग्राम, और डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्र मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
मेडिकल लैब टेक्नीशियन वास्तव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और अक्सर अपने काम के दौरान जोखिम का सामना करते हैं। कोरोना, टीबी और अन्य संक्रामक रोगों के परीक्षण के दौरान, वे अपने स्वास्थ्य को जोखिम में डालते हैं।
मेडिकल लैब टेक्नीशियन के काम में शामिल हैं :
1). संक्रामक रोगों के नमूनों का संग्रह और परीक्षण
2). प्रयोगशाला में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना
3). विशेष उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करना
4). सटीक और विश्वसनीय परिणाम प्रदान करना।
उन्होंने बताया कि कई मेडिकल लैब टेक्नीशियन टीबी एवं अन्य संक्रमित बीमारियों के परीक्षण के दौरान खुद भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। यह एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान निकालना जरूरी है।
सरकार को मेडिकल लैब टेक्नीशियन के लिए बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और उचित पारिश्रमिक प्रदान करना चाहिए। इससे न केवल उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की रक्षा होगी, बल्कि वे अपना काम और भी प्रभावी ढंग से कर पाएंगे।
इसके अलावा, टीबी मुक्त भारत बनाने और अन्य बीमारियों के नियंत्रण के लिए मेडिकल लैब टेक्नीशियन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें उचित सम्मान और समर्थन मिलना चाहिए।
कोरोना महामारी के दौरान मेडिकल लैब टेक्नीशियन ने अपनी जान जोखिम में डालकर लाखों लोगों की जान बचाई है। उन्होंने पीपीई किट पहनकर घंटों भीषण गर्मी में अपने शरीर का पसीना बहाकर काम किया है और अपनी सुरक्षा को दरकिनार कर दिया था।
दुर्भाग्य से, उसी दौरान कई लैब टेक्नीशियन अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसके बावजूद, सरकार द्वारा उन्हें उचित सम्मान और पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है। निजी प्रयोगशालाओं को बंद करवाने की कोशिश भी अनुचित प्रतीत होती है, क्योंकि रोगों के निदान हेतु जांच में वे लेबोरेटरी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
सरकार को मेडिकल लैब टेक्नीशियन के योगदान को मान्यता देनी चाहिए और उन्हें उचित पारिश्रमिक और सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
ये सभी बातें जिला के वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन और कोरोना काल में जिले में सर्वाधिक जांच का कृतिमान बनाने वाले लैब टेक्नीशियन मोo इसमतुल्लाह गुलाब भी मानते हैं।