MADHUBANI / MADHWAPUR :
मधुबनी/मधवापुर : इन दिनों बिहार में अफसरशाही चरम पर है। अधिकारियों की मनमानी इस कदर बढ़ी हुई है कि पत्रकार को भी कवरेज से रोकते पीछे नहीं हटते। खासकर बाल विकास परियोजना की बात की जाए, तो व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है और सवाल करने पर यह अफसर पत्रकार को अनुमति लेकर आने की बात कहने से भी परहेज नहीं करते।
ताजा मामला मधुबनी जिले के मधवापुर प्रखंड का है, जहां मंगलवार को सीडीपीओ सुशीला कुमारी आंगनबाड़ी केंद्रों का निरक्षण के दौरान मिनती गांव स्थित केंद्र संख्या-22 पर पहुंची। इस दौरान सीडीपीओ ने बच्चों की उपस्थिति पंजी और टीएचआर पंजी का अवलोकन करते हुए एफआरएस नहीं होने से नाराज होकर सेविका को फटकार लगाने लगी। वही टीएचआर वितरण को लेकर लाभुक उपस्थित नहीं होने का हवाला देते हुए उक्त पंजी पर स्पष्टीकरण की अनुशंसा कर निकल गए। जांच के दौरान पत्रकारों को वीडियो बनाते देख परमिशन की मांग करने लगी। मीडिया के सवालों से बचकर कई केंद्रों का बिना निरक्षण किए ही निकल गए। सेविका बेबी देवी ने बताया कि विभाग द्वारा मिला मोबाइल पूरी तरह खराब हो गई है, जिसकी शिकायत हमने कई बार सीडीपीओ से किया।
इधर सीडीपीओ द्वारा कई केंद्रों पर जबरन एफआरएस करने को कहा जा रहा है, लेकिन विभाग हमारी समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है। वहीं कई गर्भवती लाभुकों ने बताया कि वह अंतिम माह से चल रही है। फिर भी आज हमे 11बजे बुलाई गई थी। करीब दो घंटे बैठने के बाद जब पदाधिकारी नहीं आए तो हम लोग वापस चले गए। आने जाने में काफी परेशानी होती है, क्योंकि केंद्र द्वारा किसी अन्य सदस्यों को टीएचआर की अनाज नहीं दी जाती है।
मौके पर लाभुक के आक्रोशित परिजनों ने कहा कि गर्भवती महिलाएं कैसे इतना दूर से अनाज लेने आएगी। विभाग के अधिकारी मनमर्जी कर रहे है। अगर ऐसा है, तो हम सभी इसका बहिष्कार करके आगे शिकायत करेंगे। इतना ही मोबाइल का भी ओटीपी मांगा जा रहा है, हम लोग इतना शिक्षित नहीं है कि कुछ समझ पाए क्योंकि ओटीपी लेकर बैंक खाता से पैसा भी निकासी का हम लोगों को डर रहता है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों प्रखंड के दर्जनों सेविका सरकारी मोबाइल खराब होने को लेकर आवेदन भी दिया है। बावजूद सीडीपीओ और एलएस जबरन एफआरएस करने को कहा जा रहा है, जिससे सेविका और लाभुक काफी परेशान है।
सूत्रों की माने तो कई केंद्रों पर अधिकारी जबरन टीएचआर का वितरण करीब एक सौ से अधिक लाभुकों के बीच बिना एफआरएस का कराया गया है, जिससे बाल विकास परियोजना पर कई सवाल खड़े होने लगे है। इस बाबत पूछे जाने पर सीडीपीओ पत्रकारों को कोई जवाब दिए वगैर केंद्र से चली गई। बहरहाल मधवापुर प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका मोबाइल खराब होने के वजह से मानसिक रूप से प्रताड़ित होते दिख रही है।