फाइलेरिया जानलेवा नहीं,पर एक घातक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए कई प्रकार के अभियान चला रहा है, ताकि फाइलेरिया बीमारी का उन्मूलन अपने राज्य से जल्द-से-जल्द हो सके। इसी मुहिम के तहत मंगलवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में पंचायत प्रतिनिधि मकरमपुर और नरपतनगर के मुखिया धर्मेंद्र कुमार पासवान की उपस्थिति में पाँच हाथीपांव से ग्रसित मरीजों में सुमित्रा देवी, ऊषा देवी, सरोवरी देवी, चंदा कुमारी और तेतरी देवी को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। इस दौरान ने फाइलेरिया मरीज को पैरों की साफ-सफाई की जानकारी दी गई। साथ ही फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी प्रशिक्षण के बारे में बताया। पीरामल फाउंडेशन के विवेक कुमार ने बताया एमएमडीपी किट का नियमित इस्तेमाल कर हाथीपांव के मरीज अपने बीमारी की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं, लेकिन इसके लिए मरीजों को स्वयं जागरूक होना होगा, तभी उन्हें हाथीपांव की बीमारी से राहत मिलेगी। बताया लिम्फेटिक फाइलेरियासिस यानी फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं। इसलिए सरकार ने फाइलेरिया को मिटाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। इस बीमारी से बचाव के लिए साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है। इस दौरान फाइलेरिया मरीजों के साथ-साथ सभी स्वस्थ लोगों को दवा सेवन करना चाहिए। तभी हमारे गांव, पंचायत और प्रखंड से फाइलेरिया बीमारी का उन्मूलन होगा।
मरीजों को दिया गया आवश्यक प्रशिक्षण और किट :
एमएमडीपी किट में मरीजों को डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया और अन्य सामग्री प्रदान की गई। साथ ही मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की नियमित देखभाल के तरीके सिखाए गए। मरीजों को बताया गया कि कैसे डेटॉल साबुन से सफाई और एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग संक्रमण को नियंत्रित कर सकता है।
रोग की पहचान होने पर इसे रोकना संभव :
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शकील अहमद ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता, लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद मरीजों को प्रभावित अंगों की साफ-सफाई सहित अन्य बातों को समुचित ध्यान रखना जरूरी होता है।
इस मौके पर पीरामल के विवेक कुमार, मदन कुमार साह, मुखिया धर्मेंद्र पासवान, ललिता कुमारी, आशा फैसिलिटेटर, आशा, आकांक्षा कुमारी सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।

