- दरभंगा के होटल मालिक ने राहुल के सुरक्षा कर्मियों पर पल्सर बाइक चोरी का लगाया आरोप
खबर दस्तक
दरभंगा :
बिहार के दरभंगा में राहुल गांधी के वोटर अधिकार यात्रा विवादों में रहा है। जहाँ एक तरफ भराठी में यात्रा के दौरान मंच से पीएम मोदी को गाली देना का मामला ठीक से ठंडा भी नहीं हुआ था कि फिर एक नया आरोप सामने आ गया है। दरअसल 27 अगस्त को दरभंगा से होते हुये मुजफ्फरपुर जाने के क्रम में एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी के सुरक्षा में तैनात एसपीजी कमांडो ने एक मां दुर्गा लाईन होटल के मालिक का पल्सर-220एफ बाइक, जिसका रेजिस्ट्रेशन नंबर-बीआर07एएल-5605 है, को जबरदस्ती ले लिया गया। बाइक मालिक अपनी बाइक की खोज के लिए वोटर अधिकार यात्रा गुजरने वाले सभी जिला में खोजबीन कर लिया है, लेकिन अभी तक बाइक बरामद नहीं हुई है।
वही, सुभम सौराभ ने बताया कि बाइक मेरे ससुर अनिल राय के नाम से रजिस्टर्ड है। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी जबरन होटल से बाइक लेकर चले गए। खास बात यह कि शुभम ने दावा किया है कि यह घटना उस वक्त हुई, जब राहुल गांधी रोड शो निकाल रहे थे और ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे लगाए जा रहे थे। शुभम सौरभ बताते हैं कि वे एनएच-27 चक्का के पास अपने ढाबे पर थे। जहां सुरक्षा कर्मियों ने चाय पी और फिर बाइक मांगी। पहले मना करने पर भी दबाव बनाने पर बाइक दी गई। इसके साथ छह और बाइक भी ली गईं, जिनमें से छह सड़क किनारे मिली। लेकिन मेरी बाइक कहीं नहीं मिली। बाइक लेकर सुरक्षा कर्मी आगे बढ़ गए और बाइक का कोई पता नहीं चला है।
बाइक की तलाश में शुभम और उनके परिवार ने मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, ढाका, मोतिहारी जैसे कई जिलों का दौरा किया। हर जगह जवाब मिला कि बाइक वहां नहीं है। शुभम का कहना है कि बाइक वापस पाने की कोशिश में करीब 15 से 20 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। शुभम ने दावा किया है कि उनके पास सुरक्षाकर्मियों के कॉल रिकॉर्डिंग भी हैं, जो इस मामले को और गंभीर बना रहा है। वहीं उन्होंने कहा की सुरक्षाकर्मी द्वारा मदन मोहन झा का नंबर मिला। उनसे बात हुई, तो वो बोले है कि दरभंगा आते है, तो बात करते है। फिलहाल आशंका है कि मेरी बाइक चोरी हो गई है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान ऐसा कांड होने से राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। नारे लगाते हुए जिन सुरक्षा कर्मियों ने चोरी की, वह खुद एक बड़ा विवाद बन गया है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस से भी मौखिक शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कारवाई नहीं हुई है। जाहिर है इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक आचरण, दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।