- सीतामढ़ी में इस वर्ष जुलाई तक 178 सड़क दुर्घटनाएं
- 146 की मौत और 105 घायल
- ब्लैक स्पॉट चिन्हीकरण से लेकर यातायात व्यवस्था सुधार तक लिए गए कई अहम फैसले
खबर दस्तक
सीतामढ़ी :
सीतामढ़ी जिले में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जुलाई माह तक कुल 178 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 146 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 105 लोग घायल हुए हैं। इन चिंताजनक आंकड़ों के बीच शनिवार को समाहरणालय में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक जिलाधिकारी रिची पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में दुर्घटनाओं के कारणों, ब्लैक स्पॉट की पहचान और सड़क सुरक्षा उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। डीएम ने अधिकारियों को यातायात नियमों के कड़ाई से अनुपालन, ब्लैक स्पॉट के चिन्हीकरण, शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने तथा सुरक्षा संबंधी ढांचागत कार्यों को तत्काल गति देने का निर्देश दिया। उन्होंने नगर निगम, परिवहन, विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य और अभियंत्रण विभागों को समन्वित रूप से कारवाई करने को कहा।
इस बैठक में डीडीसी संदीप कुमार, नगर आयुक्त गजेंद्र कुमार सिंह, डीटीओ बृजकिशोर पांडेय, ट्रैफिक डीएसपी दीपक कुमार, एडीटीओ उपेंद्र राव और एमवीआई राजेश राय समेत विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
डीएम ने यातायात एवं सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से शहर की सड़कों के बीच खड़े बिजली के पोल को हटाने का निर्देश विद्युत विभाग और नगर निगम को दिया। दोनों विभागों की संयुक्त टीम सर्वे कर रिपोर्ट देगी।
मेहसौल और शंकर चौक स्थित वेडिंग जोन को क्रियाशील बनाने और फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश भी नगर निगम को दिया गया। साथ ही हर सप्ताह दो दिन अतिक्रमण हटाने का विशेष अभियान चलाने को कहा गया। परिवहन विभाग की ओर से बताया गया कि जिले में हिट एंड रन से संबंधित 167 प्राथमिकी दर्ज हैं, जिनमें से 115 अभिलेख अब तक लंबित हैं।
इनमें सीतामढ़ी सदर अनुमंडल के 92, पुपरी अनुमंडल के बीस और बेलसंड अनुमंडल के तीन मामले शामिल हैं। डीएम ने सभी एसडीओ को इन मामलों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा कर शीघ्र निपटान का आदेश दिया। हिट एंड रन मामलों में बीमा कंपनी की ओर से मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर घायलों को पचास हजार रुपये का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है।
विभागवार जिम्मेदारियां भी तय की गईं :
परिवहन विभाग को हिट एंड रन मामलों का भुगतान, वाहनों की जांच और दुर्घटनाओं की समीक्षा की जिम्मेदारी दी गई। नगर विकास विभाग को अतिक्रमण हटाने, पार्किंग स्थल व ठेला-रिक्शा ज़ोन तय करने और ट्रैफिक लाइट लगाने का कार्य सौंपा गया। शिक्षा विभाग को विद्यालयों में यातायात नियमों पर जागरूकता अभियान चलाने, विद्यालय परिवहन समिति सक्रिय करने और वाहन कागजात अधतन रखने की जिम्मेदारी दी गई।
स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने और बड़ी दुर्घटनाओं के लिए आपातकालीन चिकित्सा योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया। वहीं विद्युत विभाग को शहर की सड़कों से पोल हटाने, जर्जर तारों को बदलने और डुमरा हवाई अड्डा मैदान व जानकी स्टेडियम में प्रकाश व्यवस्था के लिए प्राक्कलन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई।
सड़क दुर्घटनाओं का मासिक विवरण भी बैठक में किया गया प्रस्तुत :
जिले में सड़क दुर्घटनाओं का मासिक विवरण भी बैठक में प्रस्तुत किया गया। जनवरी में 17 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 13 की मौत और 7 घायल हुए। फरवरी में 24 हादसे हुए जिनमें 21 की मौत और 14 घायल, मार्च में 32 हादसे में 30 मौतें और 10 घायल, अप्रैल में 22 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 19 मौत और 11 घायल, मई में 33 दुर्घटनाओं में 31 मौत और 36 घायल, जून में 24 हादसों में 15 मौत और 14 घायल जबकि जुलाई में 26 दुर्घटनाओं में 17 मौत और 13 घायल हुए।
इस मौके पर डीएम रिची पांडेय ने स्पष्ट कहा कि जिले में सड़क सुरक्षा पर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी विभागों को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का सख्ती से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि ब्लैक स्पॉट चिन्हीकरण, यातायात नियमों का अनुपालन, अतिक्रमण मुक्त सड़क और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था ही दुर्घटनाओं पर रोकथाम की दिशा में ठोस कदम साबित होंगे।