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मधुबनी :
मधुबनी शहर के भौआरा में अवस्थित मदरसा इस्लामिया के कांफ्रेंस हॉल में अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता मधुबनी जिला जनता दल यू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष जावेद अनवर ने की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम को संबोधित करती हुई जदयू की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व राज्यसभा सांसद कहकशा प्रवीण ने कहा की वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विगत दो दशक में किए गए कार्यों की मजदूरी मांगने आई हूं। उन्होंने कहा कि इस्लाम कभी भी खतरे में ना था ना है और ना ही रहेगा। कहकशा प्रवीण ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों की मजदूरी सराहना करते हुए कामों की मजदूरी देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल से पहले बिहार में जायज और नाजायज काम की पहचान नहीं हो पाती थी, अब नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों को सोचने और समझने की जरूरत है।
कहकशां प्रवीण ने बताया कि इंसाफ के साथ तरक्की कर रहा बिहार अब देश के अगले पंक्ति में खड़ा होगा। पूर्व राज्यसभा सांसद कहकशां प्रवीण ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आम कार्यकर्ताओं को तर्जी देते हैं और विपक्षी पार्टी बेटा बेटी को सांसद विधायक बनाती है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने वृद्धा पेंशन को बढ़ाकर 400 से 1100 कर दिया है, इससे गरीब आदमी के चेहरे की चमक बढ़ गई है। कहा कि भागलपुर दंगा के पीड़ितों को नीतीश की हुकूमत ने न्याय दिलाने का काम किया। कहकशां प्रवीण ने बताया कि मुख्यमंत्री बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। नीतीश कुमार और एनडीए का साथ दें।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जदयू के अशरफ अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज के साथ इंसाफ किया है। अल्पसंख्यक समाज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कब इंसाफ करेगा? नीतीश कुमार मुसलमान के सच्चे हमदर्द है, उनके सारे बुनियादी मसलों को हल किया है। नीतीश कुमार ने कभी कम्युनिज्म करप्शन और क्राइम से कंप्रोमाइज नहीं किया। उसे 24 कैरेट गोल्ड की तरफ सेकुलर लेता है।
इस बैठक में बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य अफरोजा खातून, बिहार मदरसा बोर्ड के सदस्य अब्दुल कयूम, जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जावेद अनवर, प्रदेश उपाध्यक्ष गुफरान, झंझारपुर प्रखंड अल्पसंख्यक जदयू अध्यक्ष डॉ. उमर फारूक, अकबर अली, मोहम्मद इफ्तार ,अहमद हुसैन, मोहम्मद मुस्तकीम इब्राहिम, अख्तर हुसैन अंसारी, अब्दुल कयूम, मोहम्मद वारिस अंसारी, मोहम्मद हस्सान, मोहम्मद शमशेर आलम, मोहम्मद आजाद, मोहम्मद सदरे आलम, मोहम्मद फारूक, मोहम्मद जुबेर, मोहम्मद रशीद अंसारी, मोहम्मद मजहर आलम सहित कई अल्प संख्यक नेताओं ने भाग लिया।