खबर दस्तक
मधुबनी :
चुनाव आयोग ने मतदाता जाँच के नाम पर गरीबों के न सिर्फ नाम काटने की साजिश है, बल्कि सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से भी बंचित किया जाएगा, जो लोकतांत्रिक परंपरा के खतरनाक है। ये बाते राजद के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य सह जेपी सेनानी हनुमान प्रसाद राऊत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है। श्री राऊत ने चुनाव आयोग पर भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए यह खेल शुरु किया है। बिहार लोकतंत्र के जननी है। यहाँ के लोग चुनाव आयोग की साजिश सफल नहीं होने देगा। 1995 में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है, जिसमें देस के लोगों का नागरिकता जाँच करने का अधिकार नहीं है। पिछले ग्यारह सालो से चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर देश के लोकतंत्र को कमज़ोर कर रहा है। बिहार में पहली बार लोकतंत्र को बचाने के लिए मतदाता सड़क पर 9 जुलाई को उतरेगा और चुनाव आयोग को अपना आदेश वापस लेने के लिए मजबूर करेगा।