खबर दस्तक
पटना :
सुमित कुमार राउत
बिहार की राजधानी में अपराध ने एक बार फिर सुशासन के दावों को चुनौती दी है। पटना के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में, बिहार के प्रतिष्ठित व्यवसायी गोपाल खेमका की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना राज्य की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान लगाती है और समाज के विभिन्न वर्गों में भारी आक्रोश पैदा कर गई है। राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस घटना की तीव्र निंदा हो रही है, वहीं वैश्य समाज में जबरदस्त रोष और असुरक्षा की भावना व्याप्त है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रविवार को पीड़ित परिवार से मिलने उनके आवास पहुंचे। उन्होंने इस घटना को राज्य सरकार की पूरी विफलता बताया। “पटना जैसे सुरक्षित इलाके में गोपाल खेमका की हत्या सत्ता संरक्षित और संपोषित अपराधियों द्वारा की गई है। यह सुशासन नहीं, जंगलराज की वापसी है। सात साल पहले उनके बेटे गुंजन खेमका की हत्या हुई थी, और आज तक कोई कारवाई नहीं हुई। एनडीए शासन में अब तक 65,000 हत्याएं हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्थिति अब अचेत व्यक्ति जैसी हो गई है।”
वहीं, राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने भी घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।
वहीं, राष्ट्रीय वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर महासेठ ने कहा: “यह साधारण अपराध नहीं, संगठित अपराध का उदाहरण है। वैश्य समाज असहाय और असुरक्षित महसूस कर रहा है। अगर सरकार ने जल्द-से-जल्द दोषियों को नहीं पकड़ा, तो समाज देश भर में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।”
वहीं, राष्ट्रीय वैश्य महासभा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पी.के. चौधरी ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी, कहा“48 घंटे के भीतर अपराधियों की गिरफ्तारी और उनका एनकाउंटर नहीं हुआ, तो राष्ट्रीय वैश्य महासभा राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। यह अब ‘सुशासन’ नहीं रहा, बल्कि अपराधियों के लिए ‘स्वर्ग’ बन चुका है।”
वहीं, राष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक गजेंद्र मुन्ना ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि“यह केवल एक व्यापारी की हत्या नहीं, पूरे समाज के आत्मसम्मान पर हमला है। अगर व्यापारी वर्ग ही सुरक्षित नहीं रहेगा, तो बिहार की अर्थव्यवस्था कैसे बचेगी? सरकार तुरंत सीबीआई जांच शुरू करे। यदि सात दिनों में न्याय नहीं मिला, तो राष्ट्रीय वैश्य महासभा निर्णायक आंदोलन करेगी।”
इस मौके पर विधायक रणविजय साहू, एवं राजद महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रितु जायसवाल ने संयुक्त रूप से अपने बयान में कहा कि कब तक वैश्य समाज के साथ ऐसी घटनाएं घटती रहेगी? अब बर्दाश्त के बाहर हो चुका है, हम हमें न्याय चाहिए।
इस मौके पर मंजीत आनंद साहू, विशाल जायसवाल सहित कई सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधि पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और न्याय की मांग की। गोपाल खेमका की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था, व्यापारिक सुरक्षा और सामाजिक संरचना की जड़ों पर गहरा प्रहार है। अब देखना यह है कि सरकार सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित रहती है या वास्तविक कार्रवाई करके अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाती है।