खबर दस्तक
मधुबनी/बासोपट्टी :
मुकेश कुमार
मधुबनी जिले के बासोपट्टी प्रखंड क्षेत्र के बासोपट्टी पश्चिमी पंचायत में नल-जल योजना पूरी तरह विफल साबित हो रही है। पंचायत के 15 वार्डों में करोड़ों रुपये खर्च कर बिछाई गई पाइपलाइन और बनवाई गई टंकियां सिर्फ कागजों पर चालू हैं, जबकि जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है। गर्मी के कारण जलस्तर तेजी से नीचे चला गया है, जिससे अधिकांश चापाकल पूरी तरह सूख चुके हैं। गांव के लोग खासकर महिलाएं और बच्चे पानी की तलाश में घंटों पैदल चलने को मजबूर हैं। यह स्थिति तब है जब यह योजना लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के अधीन है, फिर भी लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। पंचायत के लगभग सभी वाडों में नल-जल योजना स्थाई रूप से काम नहीं कर रही है। हमने कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन नतीजा शून्य रहा। अधिकारी आते हैं, कागजों पर कुछ लिखते हैं और वापस लौट जाते हैं।
वहीं वार्ड संख्या 9,10,11 में नाराजगी जताते हुए कहा, “हमारे वार्ड में भी महीनों से पानी की एक बूंद नहीं आई है। गर्मी में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नल-जल योजना की पाइपलाइन तो बिछी है, लेकिन पानी कभी नहीं आया। जिन घरों में नल लगा भी है, वो भी केवल दिखावे के लिए हैं। वार्ड 11 में नल-जल योजना के तहत लगाई गई टंकी सिर्फ दिखावे के लिए बनाया गया है, इससे सरकारी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस लापरवाही की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कारवाई की जाए, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके।