- ड्राइवर को आई नींद के कारण हुआ हादसा
- बस रेलिंग तोड़कर गिरी नीचे
खबर दस्तक
डेस्क :
गुरुवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसे में बिहार से दिल्ली जा रही एक प्राइवेट स्लीपर बस, जिसका रेजिस्ट्रेशन नंबर-यूपी70एचटी-8668 है, वो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह दर्दनाक हादसा इटावा जिले के सैफई थाना क्षेत्र अंतर्गत माइलस्टोन 103 के समीप हुआ, जब यात्रियों से भरी बस रेलिंग तोड़ते हुए नीचे जा गिरी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस ओमनाथ ट्रैवल्स की थी, जो बिहार के मधुबनी जिले के साहरघाट से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। यह बस दरभंगा, बेनीपट्टी, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज होते हुए दिल्ली जा रही थी। बस में करीब 75 यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकतर प्रवासी मजदूर और कामकाजी लोग थे।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बस चालक को नींद आ गई थी, जिससे वह वाहन पर से नियंत्रण खो बैठा। तेज गति से दौड़ रही बस अनियंत्रित होकर एक्सप्रेसवे की रेलिंग तोड़ते हुए नीचे गहरे खड्ड में जा गिरी। हादसे की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस-प्रशासन को सूचित किया।
खबर प्रेषण तक इस भीषण हादसे में अब तक दो यात्रियों की मौत की खबर है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है। वहीं चालीस से अधिक यात्री घायल हुए हैं, जिनमें से दस की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है।
राहत-बचाव कार्य में जुटा प्रशासन :
घटना की सूचना मिलते ही इटावा जिले के डीएम और एसपी सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमों ने मौके पर राहत-बचाव कार्य तेज़ी से शुरू किया। जेसीबी और क्रेनों की मदद से बस को हटाने का कार्य जारी है।
यात्रियों की पहचान व परिजनों को सूचना :
प्रशासन द्वारा यात्रियों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कई यात्रियों के मोबाइल फोन क्षतिग्रस्त हो जाने से संपर्क में परेशानी हो रही है। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर परिजनों से संपर्क बनाए रखने की अपील की है।
बस में नहीं थे पर्याप्त सुरक्षा उपाय :
हादसे के बाद कई यात्रियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि बस में न तो सीट बेल्ट की सुविधा थी और न ही ड्राइवर और कंडक्टर ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई दिशा-निर्देश दिया था। हादसे के बाद एक बार फिर निजी बस संचालनों में लापरवाही और स्लीपर बसों की खराब स्थिति को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
इस बाबत सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि गंभीर रूप से घायल यात्रियों की हालत पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, जल्द ही मेडिकल बुलेटिन जारी कर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
प्रशासन और सरकार से अपेक्षा :
घटना के बाद राज्य और केंद्र सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता, मुआवजा और परिजनों को सूचनाएं दी जाएं। साथ ही, निजी बस संचालनों की जवाबदेही तय करने और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग भी उठ रही है।
हादसों से सीख लेने की है जरूरत :
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं? क्या हमारी यात्राएं केवल किस्मत के सहारे हो रही हैं?