योग्य मतदाता छूटे नहीं और अयोग्य जुटे नहीं : जिलाधिकारी
खबर दस्तक
दरभंगा :
भारत निर्वाचक सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण एवं पुनरीक्षण पूर्व गतिविधि के तहत मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के संदर्भ में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि सभी दलों के प्रतिनिधियों से सहयोग अपेक्षित हैं। योग्य मतदाता मतदाता सूची से वंचित न रहे, अयोग्य मतदाता मतदाता सूची में न रहे, मतदाता सूची को शुद्ध करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का निर्देश है कि किसी भी बीएलओ को ट्रांसफर नहीं करना है, सभी बीएलओ सक्रिय रहेंगे और निर्वाचन का कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण कराए जाने का निर्देश दिया गया है। यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों और समय-सारणी के अनुसार आयोजित किया जाएगा।
इस गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हों, ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे। उप निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था।
वर्तमान में तेजी से हो रहे शहरीकरण, लगातार होने वाला प्रवासन, नए युवाओं का 18 वर्ष की आयु पूरी कर मतदाता बनने की पात्रता प्राप्त करना, मृत्यु की जानकारी का समय पर न मिलना तथा अवैध विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाना जैसी स्थितियों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है, ताकि त्रुटिरहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे।
यदि किसी राजनीतिक दल अथवा मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है, तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) संबंधित मामले की जांच करेंगे और उसके बाद ही एफड अपना निर्णय लेंगे। इसके अतिरिक्त, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत ईआरओ के आदेश के विरुद्ध जिला पदाधिकारी तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील दायर की जा सकती है।
पुनरीक्षण के क्रम में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) एवं बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वास्तविक मतदाताओं, विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी), गरीब तथा अन्य वंचित वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए। इस कम में सभी राजनीतिक दलों से प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट्स(बीएलए) की नियुक्ति अपेक्षित है।
बीएलए की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यदि कोई विसंगतियाँ या त्रुटियाँ हों, तो उनका समाधान तैयारी के प्रारंभिक चरण में ही कर लिया जाए, जिससे दावे, आपत्तियों और अपीलों की संख्या में कमी लाई जा सके। बिहार राज्य में विशेष गहन परीक्षण कराए जाने हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 25 जून से 27 जुलाई 2025 तक निर्धारित किया है।
उप निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बिहार में अंतिम संक्षित पुनरीक्षण 2003 में किया गया था, इसलिए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) 01.01.2003 की अर्हता तिथि वाली 2003 की निर्वाचक नामावली को पात्रता का प्राथमिक प्रमाण मानेंगे, जिसमें नागरिकता की भी धारणा शामिल होगी, जब तक कि इसके विपरीत कोई जानकारी न प्राप्त हो।
कोई भी व्यक्ति जिसका नाम 2003 की निर्वाचक नामावली में दर्ज नहीं है, उसे निर्वाचक नामावली में पंजीकरण के लिए पात्रता सिद्ध करने हेतु सरकार द्वारा मान्य विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों में से किसी एक का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि निर्वाचक सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से संबंधित कार्यकम संसूचित किया गया है।
वहीं राजनीतिक दलों की ओर से उदय शंकर यादव, सत्यनारायण पासवान, विनय कुमार पासवान, सुनील कुमार मंडल, दयानंद पासवान, गगन कुमार झा, मुकुंद चौधरी, राहुल कुमार कर्ण, देवेंद्र कुमार झा, उमेश राय, अमित कुमार यादव, प्रदीप कुमार महतो आदि उपस्थित थे।

