- तैयार हुआ समग्र विकास का डिजाइन
- ट्रस्ट गठन के साथ कार्य में आएगी तेजी
- भव्य जानकी मंदिर द्रविड़/नागर शैली में होगा
- राम-जानकी विवाह स्थल की प्रतिकृति
- श्रद्धालुओं के लिए यात्री निवास, धर्मशाला और भोजनालय
- संग्रहालय व सांस्कृतिक केंद्र सीतामढ़ी व मिथिला की विरासत को होगा समर्पित
- तीर्थ सरोवर, उद्यान, शिविर स्थल एवं पूजा-स्थल
- स्वच्छता, जल निकासी, पार्किंग और सुरक्षा की अत्याधुनिक व्यवस्था
खबर दस्तक
सीतामढ़ी :
जगत जननी मां जानकी की पावन जन्मस्थली पुनौराधाम को भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर सहित विभिन्न संरचनाओं के समग्र विकास का विस्तृत मास्टर प्लान अब तैयार हो गया है। यह जानकारी प्रशासनिक सूत्रों ने साझा करते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य न केवल धार्मिक श्रद्धा को मजबूती देना है, बल्कि सीतामढ़ी को विश्व धार्मिक मानचित्र पर एक सशक्त पहचान भी दिलाना है। भव्य मंदिर के निर्माण सहित विकास कार्यों की गति को तेज़ करने के लिए अब एक विशेष ट्रस्ट का गठन कर दिया गया है। यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण, धार्मिक परिसर के विकास, यात्रियों की सुविधा एवं अन्य आवश्यक प्रबंधन का दायित्व संभालेगा। ट्रस्ट में स्थानीय प्रशासन, धार्मिक विद्वानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा तकनीकी विशेषज्ञों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है, जिससे पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहे। इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पदाधिकारी ने कहा, “यह हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है कि मां जानकी की जन्मस्थली पर अब भव्य मंदिर और अन्य धार्मिक संरचनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ होने जा रहा है। हम सभी कृतसंकल्पित हैं कि यह कार्य शीघ्रता से पूर्ण हो और देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए पुनौराधाम एक दिव्य आस्था केंद्र के रूप में विकसित हो। तैयार की गई रूपरेखा केन अनुसार, मंदिर परिसर के साथ-साथ निम्नलिखित प्रमुख संरचनाओं का निर्माण प्रस्तावित है:
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम :
पुनौराधाम विकास योजना से न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि इससे क्षेत्रीय पर्यटन को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार, व्यवसाय और सांस्कृतिक गतिविधियों के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
शीघ्र होगा शिलान्यास :
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, शीघ्र ही मंदिर निर्माण का शिलान्यास राज्य स्तर के किसी शीर्ष पदाधिकारी अथवा धर्माचार्य के हाथों कराया जाएगा। इसकी तिथि जल्द घोषित की जाएगी।

