- तीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जबाब तलब
- मामला रजिस्ट्रेशन, एएनसी एवं संस्थागत प्रसव में कम उपलब्धि का
- हर महीने स्थानीय स्तर पर आयुष्मान कार्ड निर्माण के लिए विशेष अभियान आयोजित करने का निर्देश
खबर दस्तक
मधुबनी :
मधुबनी जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति आंनद शर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक हुई। बैठक में डीएम ने प्रथम त्रैमासिक में गर्भवती महिलाओं का सबसे कम पंजीकरण करने के मामले में कर्तव्यहीनता का आरोप लगाते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बेनीपट्टी से जबाब तलब किया है।
इसके साथ ही लगातार लगातार तीन बैठकों में सुधार नहीं होने पर प्रपत्र ‘क’ गठित कर कारवाई के लिए विभाग को सूचना देने का निर्देश सिविल सर्जन कों दिया। चार या उससे अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच में सबसे कम उपलब्धि हासिल करने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हरलाखी से कारण पृच्छा की गई। इसके अलावा संस्थागत प्रसव में सबसे कम दस प्रतिशत की उपलब्धि हासिल करने बाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी लदनियां से जबाब तलब किया गया। डीएम ने लक्ष्य के पचास प्रतिशत संस्थागत प्रसव हर हाल में करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही संस्थागत प्रसव का आशावार प्रखंड स्तर पर समीक्षा करने का निर्देश सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया। डीएम ने हर हाल में संस्थागत प्रसव में वृद्धि करने का निर्देश दिया। संस्थागत प्रसव में अच्छे प्रदर्शन करने वाली आशा को प्रोत्साहित करने तथा, वैसी आशा एवं एएनएम को चिन्हित कर करवाई करने का निर्देश दिया, जिसके द्वारा गर्भवती महिलाओं को बिना किसी विशेष कारण से निजी नर्सिंग होम में प्रसव के लिए भेज दिया जाता है। डीएम ने फर्जी नर्सिंग होम, अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नियमित रूप से औचक जांच कर उनके विरुद्ध कड़ी कारवाई करने का निर्देश दिया। डीएम ने रोस्टर के हिसाब से सभी कर्मी एवं डॉक्टरों को जिला से लेकर प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
सी-सेक्शन की समीक्षा में डीएम ने सदर अस्पताल सहित सभी अनुमंडलीय अस्पतालों में नियमित रूप से सी-सेक्शन करने का निर्देश दिया। एक माह में एक सी-सेक्शन करने वाले चिकित्सकों को तत्काल मौखिक रूप से चेतावनी दिया। स्वास्थ्य संस्थानों में दवा की उपलब्धता की समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन ने बताया कि वर्तमान में आगामी त्रैमासिक दवा की अधियाचना बीएमएसआईसीएल से की गयी है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा अपने-अपने स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक मात्रा में दवा इंडेन्ट किया गया है, अथवा नहीं? दवा की कमी रहने की स्थिति में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे।
दवा की उपलब्धता के बावजूद किसी भी परिस्थिति में मरीज को दवा बाहर से क्रय नहीं करना पड़े, यह हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के निबंधन एवं प्रसव पूर्व जांच की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए इसमें और भी सुधार करने का निर्देश दिया। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को आईएफए एवं कैल्शियम टेबलेट शत प्रतिशत उपलब्ध कराए जाने को लेकर एएनएम के माध्यम से से विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया। डीएम ने आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड निर्माण के लिए प्रत्येक माह स्थानीय स्तर पर विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। डीएम ने नियमित रूप से रोगी कल्याण समिति की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया।
15 जुलाई से 14 सितम्बर 2025 तक आयोजित स्टाप डायरिया कैंपेन में घर-घर जाकर जिंक तथा ओआरएस का वितरण नियमित रूप से करने का निर्देश दिया। 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के बीच सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन की सेवा दिए जाने का निर्देश डीएम ने दिया।
इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ हरेंद्र कुमार, एसीएमओ डॉक्टर एस.एन. झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एसके विश्वकर्मा, डीएमओ डॉक्टर दया शंकर सिंह, सीडीओ डॉक्टर जी.एम. ठाकुर, डीपीएम पंकज कुमार, डीपीओ आईसीडीएस, जिला स्वास्थ्य समिति के सभी सलाहकार, सभी प्रभारी उपाधीक्षक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक उपस्थित थे।