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मधुबनी डेस्क
अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था कलार्पण और बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ इंडिया ने डी.बी. कॉलेज, जयनगर (बिहार) के सहायक प्रोफेसर, भोजपुरी साहित्य विकास मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शैलेश कुमार सिंह को भोजपुरी साहित्य और शिक्षा के प्रचार-प्रसार में अतुलनीय योगदान के लिए काठमांडू(नेपाल) स्थित मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सभागार में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सह सम्मान समारोह में साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया है, इससे शिक्षकों में खुशी की लहर है।
अतिथिगण ने साहित्य और शिक्षा के प्रचार-प्रसार में अतुलनीय योगदान के लिए डॉ. शैलेश को संयुक्त रूप से अंगवस्त्र एवं प्रतिक चिन्ह प्रदान कर साहित्य भूषण सम्मान से विभूषित किया।
समारोह में साहित्यकारों एवं शिक्षाविदों ने अपनी प्रस्तुति के साथ इंडो नेपाल संबंधों में प्रगाढ़ता, भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा और अश्लीलता दूर करने संबंधी मांग को उठाया।
इस अवसर पर डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने संयोजक प्रो. अनुराग अग्रवाल, डॉ. राजेश शर्मा एवं आयोजक मंडल के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि, भारत और नेपाल के बीच समानताओं को खोजना और प्रकाश में लाना होगा। हमें संरचनात्मक पक्षों पर काम करना होगा, अनुसंधान करना होगा, ताकि दोनों देशों के बीच रिश्ते गहरे हो सकें। हमारी पुरातात्विक धरोहरें एक समान हैं।
हम अपनी सांस्कृतिक धरोहरों, विरासतों को जोड़ना चाहते हैं। बग्वाल, चैतोल आदि हम दोनों देशों से जुड़ा है। हमें समरसता बनाए रखनी होगी। नेपाल व भारत दोनों भाई हैं। दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत अमिट है, इसे मिटाया नहीं जा सकता।
इस उपलब्धि पर डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. स्वीटी सिंह, डॉ अनंतेश्वर यादव, डॉ. कस्तूरी श्रीनिवास, डॉ. भरत सिंह, डॉ. मधु अरोड़ा, डॉ. चारु मेहरोत्रा, डॉ. अनुराधा सिंह, डॉ. सीमा गुप्ता, दिव्यांश मिश्र, आकांक्षा सिंह ने डॉ. सिंह को प्रेषित की है।