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मधुबनी :
मधुबनी मे जिला केंद्रीय पुस्तकालय तिलक चौक पर डॉ. वंशीधर मिश्र की अध्यक्षता अनुपम झा के संचालन में कवि गोष्ठी सह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित की गई। समीक्षा डॉ. विनय विश्व बंधु द्वारा किया गया, जिसमें डेढ़ दर्जन से अधिक रचनाकारों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। गोष्ठी पितृ दिवस को समर्पित रही। गोष्ठी के आरंभ में संस्था के कवि-साहित्यकार प्रो. शुभ कुमार वर्णवाल ने आगत कवि-कवयित्रियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। गोष्ठी की शुरुआत कवियित्री अनामिका चौधरी की सरस्वती वंदना से हुई एवं पिता को समर्पित रचना परम पिता के सब संतान पिता हैं ईश्वर पिता भगवान खूब सराही गई।
ज्योति रमण झा का यादगार बना दुर्घटनाओं से भरा पड़ा अहमदाबाद की प्लेन क्रैश की घटना की याद दिलायी। वेदानंद साह की लघुकथा धर्मशाला समाज में हो रही जाति गठबंधन पर चोट करती रचना सराही गई। शिवनारायण साह की शून्य जीवन अनमोल, अनुपम झा की अनकहे प्यार की खान हैं, वो पिता नहीं भगवान हैं। शिमला की ठंडी वादी का वो खिला हुआ आसमान हैं पिता को समर्पित रचना पिता के महत्ता को दर्शाया। डॉ. विनय विश्व बंधु अछि आइ पितृ दिवस पितृ सेवा करि अपना के धन्य करी पिता के प्रति बच्चों की जिम्मेदारी का भान कराया।
आध्यात्मिक कवि भोलानंद झा कीछु क्षण आत्माक संग ने सभी को आत्मा एवं स्वयं के संग जोड़ने का पक्ष दर्शाया। डॉ. शुभ कुमार वर्णवाल की रचना पिता से बढ़कर दूजा नाही हर घर का पिता दिनमान ने पिता के उत्कृष्ट छवि को लोगों के समक्ष रख दिया। शक्ति ठाकुर की अनोखी दुनिया, उदय जायसवाल की रचना एक अनवरत रथ यात्रा, पूर्व सैन्य अधिकारी दयानंद झा तुमने जो पेड़ काटे ये उसी का फल हैं ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान आकृष्ट कराया।
इस अवसर पर सुभेश चन्द्र झा, डॉ. वंशीधर मिश्र, ऋषिदेव सिंह के द्वारा कविता पाठ कर सभी को अपने ओर आकर्षित किया।
इस अवसर पर प्रभाष पाठक द्वारा लिखित पुस्तक परीक्षोपयोगी श्रेष्ठ निबंध संकलन का विमोचन किया गया। अपने अध्यक्ष उद्बोधन में डॉ. वंशीधर झा ने कहा कि साहित्य साधना हैं और हम साहित्यकारों का यह दायित्व है कि हम अपनी एक रचना को बरकरार रखें तथा कविता रचना की बारीकियों को भी समझाया और कहा कि साहित्यिक साधना स्थली अपनी प्रगतिशीलता एवं गतिशीलता को इसी प्रकार सुदृढ़ रख साहित्य के प्रति नव पीढ़ी को एक नई दिशा दिखाने का निरंतर प्रयास करता रहे। संस्था के अध्यक्ष डॉ. शुभ कुमार वर्णवाल का योगदान अध्यक्ष के रूप में अति प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है। धन्यवाद ज्ञापन ज्योति रमण झा के द्वारा किया गया। अंत में अहमदाबाद में क्रैश हुए विमान दुर्घटना में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि दी गई।

