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सीतामढ़ी :,
जिलाधिकारी रिची पांडेय ने आज परिचर्चा भवन में आयोजित एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) से संबंधित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में पाई गई घोर लापरवाही पर कड़ा रुख अख्तियार किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन, विशेषकर महिलाओं और बच्चों तक पारदर्शी तरीके से पहुँचना सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान सबसे अधिक नाराजगी टीएचआर (टेक होम राशन) वितरण में हुई गड़बड़ी को लेकर व्यक्त की गई। जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा, “यदि टीएचआर वितरण में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित पर्यवेक्षिका (LS), बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO) और यहां तक कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) तक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पंजी (रजिस्टर) की जांच के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं।
कुछ केंद्रों पर वितरण पंजी में पर्यवेक्षिका के हस्ताक्षर गायब थे, कहीं निर्धारित मात्रा से कम या अधिक खाद्यान्न का वितरण किया गया था, तो कहीं बिना वैध इकरारनामे (अनुबंध) के किराए का भुगतान कर दिया गया था। डीएम ने इसे “लापरवाही और जवाबदेही से बचने का प्रयास” करार देते हुए कहा कि इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी और दोषियों के विरुद्ध विधि सम्मत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मानदेय रोका, स्पष्टीकरण मांगा एफआरएस (FRS) रिपोर्ट के आधार पर, बैरगनिया और सुरसंड प्रखंड की सभी पर्यवेक्षिकाओं का मानदेय तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
अन्य योजनाओं पर भी असंतोष
मातृ वंदना योजना, कन्या उत्थान योजना, पोषण ट्रैकर और ग्रोथ मॉनिटरिंग जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा में भी कई पहलुओं पर असंतोषजनक प्रगति पाई गई, जिस पर डीपीओ को कड़ी चेतावनी दी गई।
जिलाधिकारी रिची पांडेय ने जोर देकर कहा, “सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन, विशेषकर महिलाओं और बच्चों तक सही समय पर और पारदर्शी ढंग से पहुँचे, यह हमारी प्राथमिकता है। अगर कार्यसंस्कृति में सुधार नहीं हुआ और गड़बड़ियां नहीं रुकीं, तो विभागीय कार्रवाई से कोई नहीं बच पाएगा। टीएचआर वितरण में पारदर्शिता और लाभुकों को समय पर लाभ मिलना सुनिश्चित करें।”
बैदक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ को अपने क्षेत्र में संचालित योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग करने और जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीपीओ को भी चेताया गया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही पाए जाने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।