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सीतामढ़ी :
सीतामढ़ी पुलिस, विशेष किशोर पुलिस इकाई, मानव तस्करी निरोध इकाई एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर पुलिस केंद्र स्थित आनंद भवन में बाल श्रम एवं बाल दुर्व्यापार रोकथाम हेतु एक विस्तृत परिचर्चा सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय, वरीय पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) सह नोडल पदाधिकारी मोहम्मद नजीब अनवर, एवं डीएसपी (रक्षित) अनिल कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि बाल श्रम समाज की एक गंभीर कुरीति है और इसे जड़ से समाप्त करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी बताया कि सीतामढ़ी जिले में पुलिस, श्रम विभाग एवं बचपन बचाओ आंदोलन के संयुक्त प्रयासों से अब तक 135 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है।
विशेष रूप से पुनौरा थाना क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त घोषित कर दिया गया है, जहां नियोजकों को प्रेरित कर बाल श्रम समाप्त करने की दिशा में विशेष पहल की गई है। इसके अलावा बथनाहा और परसौनी थाना क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय सफलता मिली है।
वरीय पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) श्री नजीब अनवर ने बताया कि पिछले एक वर्ष में 135 बाल श्रमिकों, 17 बाल दुर्व्यापार के शिकार बच्चों और 34 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया है, जिनमें से अधिकतर को पंजाब से वापस लाया गया।
कार्यक्रम में पुनौरा थाना क्षेत्र के नियोजकों द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग को जिलाधिकारी को सौंपा गया एवं बाल श्रम मुक्त थाना क्षेत्र का प्रतीकात्मक पोस्टर प्रदर्शित किया गया। सम्मान समारोह के अंतर्गत बाल संरक्षण एवं तस्करी रोकथाम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 20 पुलिस पदाधिकारियों को जिलाधिकारी एवं डीएसपी द्वारा प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। इनमें पुलिस निरीक्षक, थानाध्यक्ष, अवर निरीक्षक सहित कई महिला पदाधिकारी भी शामिल रहीं।
कार्यक्रम में केस स्टडी के माध्यम से बंधुआ मजदूरों की कहानियों को साझा किया गया, जिसमें पुपरी की अपर थानाध्यक्ष रश्मि कुमारी ने कपूरथला, पंजाब में फंसे मजदूरों की वास्तविक कहानी बताकर सभी को भावुक कर दिया।मंच संचालन बचपन बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधि मुकुंद कुमार चौधरी ने किया। कार्यक्रम में सर्किल इंस्पेक्टर परशुराम सिंह, एपीओ शिव शंकर ठाकुर, सहित जिला के सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन 15 अगस्त तक पूरे सीतामढ़ी को बाल श्रम मुक्त बनाने के संकल्प के साथ किया गया।

