- शिक्षकों के द्वारा शिक्षा विभाग के आंख में धूल झोंक कर नियमों को किया तार-तार
- बीईओ ने कहा होगी कारवाई
खबर दस्तक
मधुबनी/बिस्फी :
राकेश यादव
मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र में शिक्षक/शिक्षिकाएं के द्वारा एक ऐसा मामला प्रकाशित हुआ हैं कि शिक्षा विभाग के लिए दुर्भाग्य की बात हैं। एक तरफ जहां शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ बिहार के सरकारी विद्यालय को सुधारने के लिए तरह-तरह का फरमान जारी कर रहें हैं, लेकिन दुर्भाग्य हैं कि सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के द्वारा विभाग को खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला बिस्फी प्रखंड के कई विद्यालय का मामला सामने आया है, जहाँ शिक्षकों एवं प्रधानध्यापको के द्वारा चलाकी करके बिना विद्यालय गए हजारी उपस्थिति दर्ज कर लेते हैं। शिक्षकों के द्वारा पहले से विद्यालय में लिए गए फोटो अपने किसी सहयोगी शिक्षकों एवं अपने करीबी लोगों को ई-शिक्षा कोष एप डाउनलोड वाला मोबाइल देकर फोटो से फोटो हाजरी उपस्थिति दर्ज कर लेने का गंभीर मामला प्रकाशित हुई हैं।
बताते चले की प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों विद्यालय के शिक्षकों का चलाकी पकड़ी गई। इस मामले को लेकर खबर दस्तक के संवाददाता द्वारा मामला को गंभीरता से उजगार की गई हैं।
इस बात की जानकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विमला कुमारी एवं महेश पावन को संज्ञान में दी गई।
जब इस बाबत पत्रकार के द्वारा बीईओ से पूछताछ की गई, तो उनके द्वारा कहा गया की यह गलत है, और इन लोगों पर कड़ी कारवाई की जाएगी।
हालांकि बिहार के एसीएस एस. सिद्धार्थ के द्वारा यह सख्त निर्देश दिए गए थे। इस तरह कोई भी शिक्षक-शिक्षिकाएं अगर गड़बड़ी में पकड़े जाते हैं, तो निलंबित की जाएगी। अब देखना हैं कि ऐसे शिक्षकों एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापको पर कब तक कारवाई की जाती हैं?
वहीं, शिक्षकों के इस तरह के रवैया ने शिक्षा विभाग पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।