- चिलचिलाची धूप में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की बेबसी
- 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों पर शासन प्रशासन बेरहम
- डीएम से संज्ञान लेने की मांग
खबर दस्तक
मधुबनी / झंझारपुर: - गर्मी का रौद्र रूप चरम पर है, पारा 40 डिग्री पार हो रही हैं। सुबह 8:00 बजे से ही धूप की तपिस लोगों को घरों में रहने को बेबस कर रही है। मगर 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों के ऊपर ना तो किसी का ध्यान है और ना प्रशासन शासन को तरस आ रही है। स्कूल कॉलेज में छुट्टी मिली हुई है।
सरकारी प्ले स्कूल के नाम से चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका और सहायिका अपनी नौकरी बचाने के लिए केंद्र पर बच्चों को किसी तरह ला रहे हैं।, भोजन खिला रहे हैं और कड़ी धूप में किसी तरह घर भिजवाने की जुगाड़ लगा रहा है।
- आंगनबाड़ी केंद्र सुबह 7:30 बजे से 11:30 बजे तक संचालित हो रहे हैं
आंगनबाड़ी में 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चे पढ़ते है। कई केंद्र की सेविकाओं ने बताया कि अभिभावक धूप में बच्चों को केंद्र पर भेजने के लिए तैयार नहीं होते है। कड़ी धूप के कारण अभिभावक 9 बजे के बाद बच्चों को घर ले जाना चाहते हैं। केंद्र पर पर्यवेक्षीय अधिकारी जांच के लिए 9 बजे के बाद ही आते हैं और बच्चों की संख्या कम देख कार्यवाई की धमकी देते हैं।
नगर परिषद के कुछ आगनबाड़ी केंद्र के आस-पास मौजूद ममता देवी, कौशल देवी, कौशल्या देवी, सीता देवी, रामरती देवी आदि ने बताया कि सभी सरकारी स्कूल कॉलेज बंद है और बच्चों को जबरदस्ती बुलाया जाता है। केंद्र से 11:30 बजे के बाद घर जाने दिया जाता। जिला पदाधिकारी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्र में भी गर्मी छुट्टी होनी चाहिए।
सीडीपीओ कुमारी रजनी कुमारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र हम बंद नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है साल में 300 दिन बच्चों को पोषक भोजन देना है। साल ने 52 रविवार और 13 छुट्टी मिलकर 65 दिन होते हैं. बचे हुए 300 दिनों में जिला पदाधिकारी ही कोई निर्णय ले सकते हैं।