- संस्थागत प्रसव बढ़ाने को नई पहल, जिले को मिला 3346 किट
- किट में पौष्टिक आहार के साथ-साथ आवश्यक दवा भी उपलब्ध
- सदर अस्पताल समेत सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मिलेगा लाभ
खबर दस्तक
मधुबनी :
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने वाली माताओं के समुचित उपचार के साथ उनके पोषण का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष पहल की है। अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने वाली माताओं को डिस्चार्ज के समय जच्चा-बच्चा किट दिया जायेगा। सिविल सर्जन डॉ० हरेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में 3346 किट आवंटित किया गया है। इसमें सदर अस्पताल में 336, झंझारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में 168, फुलपरास अनुमंडल अस्पताल में 100, जयनगर अनुमंडल अस्पताल में 187, बेनीपट्टी अनुमंडल अस्पताल में 228 तथा शेष किट पीएचसी/सीएचसी के लिए आवंटित किया गया है।
उन्होने बताया कि इस किट में सुधा स्पेशल घी, खिचड़ी प्रीमिक्स, नमकीन दलिया प्रीमिक्स, राइस खीर प्रीमिक्स, प्रोटीन बार तथा बेसन बर्फी दिया गया है। इसके साथ ही आवश्यक दवा आयरन फॉलिक एसिड, कैलशियम, एस्कॉर्बिक एसिड, विटामीन-डी सचेट, कोलेकैल्सीफेरॉल (विटामिन डी) सचेट, आयरन की गोली आदि शामिल है। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का प्रयास है कि इस योजना के माध्यम से हर गर्भवती महिला को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके और मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहें।
- जच्चा-बच्चा की देखभाल से जुड़ी सतर्कता संबंधी जानकारी भी उपलब्ध
सिविल सर्जन ने बताया कि किट में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का बधाई संदेश और जच्चा-बच्चा की देखभाल से जुड़ी सतर्कता संबंधी जानकारी है। इसमें संपूर्ण टीकाकरण की सूची भी दी जाएगी, जिससे पता चलेगा कि कौन सा टीका कब लगवाना है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी विवरणिका में जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जांच और इलाज की पूरी जानकारी होगी। गर्भवती और नवप्रसूता महिलाओं की मृत्यु की सूचना देने के लिए डायल 104 टोल-फ्री नंबर भी जारी किया गया है।
- जननी बाल सुरक्षा योजना से लाभ
पंकज मिश्रा ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना (JBSY) गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को 1400 रुपये की राशि भी दी जा रही है।
- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में होगा सुधार
जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव को प्रोत्साहित करना, प्रसव के बाद माताओं की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करना और नवजात शिशुओं को सुरक्षित शुरुआत देना है। यह योजना जिले के सभी प्रखंडों में लागू की जाएगी और प्रत्येक सरकारी अस्पताल में इसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।