खबर दस्तक
मधुबनी/लदनियां :
मौसम का मिजाज बदल गया है। तापमान 40 डीग्री सेल्सियस पार कर रहा है। मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों के हिस्से में लोग पानी के लिए छटपटा रहे है। शासन और प्रशासन कागज पर आदेश निर्गत कर दिया है कि कहीं भी पानी का दिक्कतें नहीं होना चाहिए। लोगों को पियास बुझाने वाली विभाग लोकस्वास्थ्य अभियन्त्रण विभाग को बंद सरकारी चापाकल को मरम्मत करने का भी आदेश दिया गया है। लोगों का शिकायत है कि विभाग को प्रत्येक साल आदेश दिया जाता है, स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधि एवं कर्मी से विभाग द्वारा बंद चापाकलों की सूची लिया जाता है, परन्तु आज तक विभाग के द्वारा न तो एक भी चापाकल मरम्मत किया गया है और न तो एक भी नया चापाकल ही लगाया गया है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों को स्वक्ष व गुणवत्तापूर्ण पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत के माध्यम से नल-जल योजना का शुभारंभ कर करोड़ों रुपए पानी के तरह बहाया। योजना के आरंभ लोगों को मुख्यमंत्री के सबसे जन उपयोगी योजना से काफी उम्मीदें थीं। परंतु जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों तक में लूट खसोट संस्कृति बलबती होने के कारण लोगों को एक बुंद पानी नसीब नहीं हुआ। लोगों ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के किसी भी वार्ड में नल-जल का योजना पूर्ण नहीं हुआ और आवंटित राशि का बंटवारा कर लिया गया। शिकायत के बाद भी आज तक उक्त योजना का जांच नहीं हुआ।
इधर सरकार ने नल-जल योजना को पूर्ण करने के लिए पुनः लोकस्वास्थ्य अभियन्त्रण विभाग को राशि उपलब्ध कराई। वह भी लोगों को एक बुंद पानी उपलब्ध नहीं करा सका और योजना मद की राशि का बंटवारा कर लिया। लोगों ने बताया कि वार्ड में टावर निर्माण कार्य, पाइप लाइन कार्य, घरों में नल लगाने का काम या तो आधे-अधूरे है या हुआ ही नहीं परंतु भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अधिकारियों ने योजना पूर्ण दिखा कर मापी पुस्तिका तैयार कर दिया। प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश योजना में मापी पुस्तिका को मान भी लिया जाए, तो अधिकांश योजना में राशि वसूलनीय है।
पंचायत से लेकर प्रखंड तक के अधिकारी इस सवाल पर लगभग पांच वर्षों से मौन है। उक्त योजना संबंधी स्थलीय सत्यापन प्रतिवेदन, रोकड़ पंजी, अभिलेख, आवंटित राशि, खर्च किए गए राशि एवं मापी पुस्तिका की जानकारी के वावजूद वसूलनीय राशि पर प्रथम नोटिस भेज कर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। इधर लोग एक ओर शिकायत लेकर एक कार्यालय से दूसरे कार्यकाल का काट रहे हैं, तो दूसरी ओर बढ़ते तापमान के साथ पानी के लिए सम्पन्न लोगों के दरवाजे पर घंटों खड़े नजर आते हैं। लोगों ने नवपदस्थापित जिला पदाधिकारी में उम्मीद जगाते हुए कहा है कि जिला पदाधिकारी को नल-जल योजना में प्राप्त शिकायतों का अवलोकन करते हुए उच्च स्तरीय स्थल जांच करेंगे और लोगों को मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना का लाभ दिलाने में सहायक बनेंगे।