- गंगा दशहरा के पावन दिन पर माँ कमला की महाआरती का हुआ था शुभारंभ
खबर दस्तक
मधुबनी/जयनगर :
मधुबनी जिला के जयनगर मिथिला में भी बनारस के तर्ज पर माँ कमला की भव्य महाआरती का आयोजन होते आ रहा है। सीमांचल क्षेत्र स्थित जयनगर के कमला पुल के समीप पर्णकुटी मन्दिर परिसर में स्थापित माँ कमला और अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं और नदी के परिसर के मुहाने घाट पर पावन गंगा दशहरा के अवसर पर माँ कमला की महाआरती के 05वीं वर्षगाठ के उपलक्ष्य में माँ कमला आरती सेवा समिति के तत्वावधान में पुजारी के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण विधिवत विशेष पूजा अर्चना कर माँ कमला की महाआरती धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कमला नदी परिसर घाट मन्दिर कमला पुल महाआरती स्थल को अबीर-गुलाल, फूलों की मालाओं, पंडाल तोरण द्वार, रंग-बिरंगी बिजली झालरों लाईट बती रौशनी से भव्यता से सजाया गया था। महाआरती का मनोरम दृश्य दिख रहा था, जो कि अनुपम छटा बिखेड़ रहा था। पुजारी और यजमान महाआरती करने वालों के द्वारा पारम्परिक वेश भूषा में पाग पहनकर माँ कमला की आरती की गई और दीपोत्सव कार्यक्रम मनाया गया। भजन-कीर्तन, गीत-संगीत एवं विशाल भंडारा का दौर चलता रहा। माँ कमला के जयकारें से क्षेत्र गुंजयमान और भक्तिमय हो गया। महाआरती में शामिल होने के लिये श्रद्धालुओं का आस्था जनसैलाब उमड़ पड़ा था।
मौके पर पंडित अरविंद तिवारी ने बताया की गंगा दशहरा के दिन कमला महाआरती के पांच वर्ष पूरे हो गये। गंगा दशहरा के पावन दिन से ही महाआरती का शुभारंभ किया गया था। पूजा पाठ प्रत्येक दिन होती है। महाआरती संध्या में सप्ताह के प्रत्येक सोमवार को की जाती है, जो कि सभी के सहयोग से निरन्तर जारी है। माँ कमला की महाआरती धार्मिक अनुष्ठान में सहभागिता और सहयोग प्रदान करने श्रद्धालुओं से अपील की गई यजमान बन कर पूण्य के भागी बने और सहयोग दे। माँ कमला की महाआरती को ऐतिहासिक और भव्य रूप देने के लिए बनारस के तर्ज पर मिथिला के जयनगर मिथिलाधाम जनक नंदनी माँ सीता के पावन भूमि पर भी माँ कमला महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य माँ कमला हम सभी को विपदाओं, महामारी से बचायें, सभी शुभ मंगल कामना, सुख सम्रद्धि, विश्व मे शांति, प्रेम भाई चारा, आपसी सद्भाव बनी रहे यही कामना करते आ रहे है।
सैकड़ो की संख्या में साधु-संतों, महिलाओं, पुरुषों, युवाओं, युवतियों, बच्चों एवं श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महाआरती देखने पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग आये थे।