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मधुबनी/फुलपरास :
मधुबनी जिले के फुलपरास प्रखंड के स्थानीय लोहिया आश्रम के सभागार में गुरुवार को पूर्व विधायक राम कुमार यादव की अध्यक्षता में संपूर्ण क्रांति दिवस समारोह मनाया गया। संपूर्ण क्रांति दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सह समाजवादी नेता देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि आज संपूर्ण क्रांति और सप्तक्रांति के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ गई है, क्योंकि विकास के कोलाहल में गरीबों की आवाज दवाई जा रही है। आज सभी प्रकार के आर्थिक सामाजिक राजनैतिक गैरबराबरी को दूर करने हेतु संकल्पित होकर संघर्ष करना समय की मांग बन गई है। सत्ता, शासन, सुख सुविधा सहुलियत तथा साधन का माध्यम बन गया है, जबकि सत्ता शासन जनसेवा का माध्यम है।
उन्होंने कहा कि बिहार में जाति-आधारित सर्वे संपन्न हुआ और जीपी सैनानियों के द्वारा 35 वर्षों से बारी-बारी से सत्ता शासन पर काबिज रहने के बावजूद 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपया स्वरोजगार हेतु देने का वादा किया गया था, जहां तक कि भूमहिनों को तीन डिसमिल जमीन उपलब्ध कराने का भी वादा किया था, उन्होंने कहा कि क्या फलाफल निकाला कुछ अता-पता नहीं चलता है। श्री यादव ने कहा कि अब चुनावी साल में सत्ता पक्ष और स्थापित विपक्ष द्वारा दनादन खैरात लूटाने यानी खेड़ी बांटने का सिलसिला यानि डपोर शंखी घोषणाओं और सौगातों की बरसात होने लगी है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद ढ़ाक के तीन पात वाली कहावत न चरित्तार्थ हो जाय और एक सौ प्रतिशत यह वादा करने वाले राजनेता साढ़े चार साल तक आम जनता से डिस्कनेक्ट हो जाया करते हैं।
जहां तक संपूर्ण क्रांति के उद्घोष का एतिहासिक बुनियाद रहा है। महान स्वतंत्रता सेनानी व समाजवादी नेता सूरज नारायण सिंह की शहादत, सूरज बाबू को मजदूरों के हक हुकूक की लड़ाई में बलिदान हो जाने के पश्चात जे.पी बिफड़ पड़े और कदमकुआं पटना से चल कर गांधी मैदान पटना के एतिहासिक मैदान में संपूर्ण क्रांति का उद्घोष कर दिये थे। उन्होंने कहा आज ऐसे बलिदानी महान स्वतंत्रता सेनानी सूरज बाबू को भारत रत्न की उपाधि से नवाजा जाना वक्त की मांग है।
इस बैठक में सुरेश चन्द्र चौधरी, विद्यानंद राय, नवल किशोर यादव, राजेश सिंह, गणेश सिंह, हरिनारायण यादव,कारी यादव, प्रमोद कुमार दास, रसूल मियां, प्रशांत झा, धर्म चन्द्र यादव, कमलेश्वर यादव, कामेश्वर यादव, सुधीर कामत, रामप्रीत मंडल, मो. गुफरान, रामजूलूम यादव, विजयकांत चौधरी, राज कुमार राम, आजाद गुप्ता, रामदेव पंडित, रामाशंकर पाठक, बूचूल खलिफा, सुरेन्द्र प्रसाद यादव, उमेश भिण्डवार, प्रमोद साह, सुनील कुमार साह, लखन महतो, धनेश यादव, बैजू खलिफा, देवनारायण गुड़मैता, चन्द्र गोइत, भोला यादव, शशि रंजन सहित अन्य उपस्थित थे।