- नगर पंचायत से नगर परिषद बनने के बाद भी सड़क की स्थिति नहीं सुधरी
- हजारों की आबादी को 8 किलोमीटर की अधिक दूरी पर करनी पड़ती
खबर दस्तक
मधुबनी / झंझारपुर :
मधुबनी जिले के झंझारपुर शहरी इलाका नगर पंचायत से नगर परिषद बन गया। बजट बढ़ गई, करोड़ों की लाइट लग गई, कई सड़क दूसरी बार से तीसरी बार बन गई, मास्टर प्लान भी बन गया, मगर बेलारही गांव के वार्ड संख्या-11 से बेहट गांव के वार्ड संख्या-23 तक को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क की स्थिति आज भी बदहाल है। लोग पैदल चलने में भी गिरते हैं। साइकिल सवार किसी तरह इस सड़क को पार करते हैं, जबकि सड़क की चौड़ाई इतनी है कि यहां से कभी ट्रैक्टर, बैलगाड़ी, टायर गाड़ी और चार चक्के की गाड़ी गुजरती थी। शहरीकरण हो गया, मगर यह कई दशक पहले बना खरंजा आज तक इस प्रकार है।
ग्रामीण राजू दास, मनोज कुमार, दुकान सदाय, सुरेश यादव, मनप्रीत दास, सुधीर राय, परमेश्वर राय, अशोक ठाकुर आदि ने कहा कि नगर परिषद के मुख्य पार्षद चुनाव में वर्तमान मुख्य पार्षद बबीता शर्मा ने संपूर्ण ग्राम वासियों से जीतते ही इस सड़क को प्राथमिकता से बनाने का वादा कर वोट मांगा। मगर जीत मिलने के बाद वे इस सड़क को अब तक भूले हुए हैं।
मंगलवार को इसी सड़क से गैस सिलेंडर ले जा रहे बेलारही के लाल बाबू कहते हैं सिर्फ वोट की राजनीति है। जीतने के बाद कौन देखता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क के बन जाने से लोग रेलवे स्टेशन जाने में 7 से 8 किलोमीटर की दूरी कम तय करेंगे। कनेक्टिविटी बढ़ने से एक वार्ड से दूसरे वार्ड में लोग सुविधा से जा सकते थे, लेकिन सभी बातें आश्वासन पर अटकी हुई है। 2023 से अब 2025 आ गया, पर बदहाल सड़क की सुधि क्यों नहीं ली गई, इसका जवाब ना तो वार्ड पार्षद के पास है, और न ही मुख्य पार्षद के पास। बेलारही के ग्रामीण बेहट और आरएस जाने के लिए 7 से 8 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर रहे हैं। यह सड़क सिर्फ बेहट और बेलारही की कनेक्टिविटी को ही दूर नहीं करेगी, बल्कि गोधनपुर, दीप सुखेत के अलावा मधेपुर लखनौर की कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगी।
बेलारही वार्ड संख्या-12 के सिंघेश्वर राय कहते हैं कि यह सड़क प्राथमिकता सूची में है।
इस बाबत मुख्य पार्षद बबीता शर्मा ने बताया कि इस सड़क को बनाने की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।