- कोविड जांच से संबंधित रियल टाइम पीसीआर किट एवं ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रैक्शन किट उपलब्ध कराने को प्रशासनिक पदाधिकारी ने महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल को लिखा पत्र
खबर दस्तक
मधुबनी :
राज्य में कोरोना वायरस के नये वैरिएंट की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। स्थानीय स्तर पर जिला से लेकर प्रखंड स्तर पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर लक्षण वाले मरीजों को चिन्हित कर जांच के निर्देश दिए गए हैं। ओपीडी में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों को डॉक्टरों के परामर्श पर कोविड जांच कराने का निर्देश दिया गया है। ओपीडी मरीजों का सदर अस्पताल की जांच प्रयोगशाला में सैंपल लिया जाएगा। इस सैंपल को जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब भेजा जाएगा, जबकि कोविड जांच से संबंधित रियल टाइम पीसीआर किट एवं ऑटोमेटेड आरएन एक्सट्रैक्शन किट उपलब्ध कराने के लिए प्रशासी पदाधिकारी सह प्रभारी प्रोक्योरमेंट राजेश कुमार ने महाप्रबंधक बीएमएसआईसीएल को पत्र लिखा है। पत्र के आलोक में जिले को 500 आरटीपीसीआर किट एवं 500 आरएनए एक्सट्रैक्शन किट शीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि कोविड मरीजों का जांच समय पर उपलब्ध हो सके। वहीं कोविड की तैयारी के लिए सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार तथा जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉक्टर डीएस सिंह ने 50 बेड के कोविड फिल्ड हाॅस्पिटल का जायजा लिया।
कैसा है नये वैरिएंट का प्रभाव :
सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। नये वैरिएंट का प्रभाव उतना गहरा नहीं है। इससे निपटने के लिए मेडिकल व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है। उन्होंने बताया कि वायरस के रूप बदलने और धीरे-धीरे लक्षणों के विकसित होने के साथ-साथ स्वास्थ्य अधिकारी भी लोगों से एहतियाती उपाय अपनाने का आग्रह कर रहे हैं। इसमें स्वच्छता, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग और समय पर जांच आदि शामिल है।
कब कराएं कोरोना की जांच :
सिविल सर्जन ने बताया कि अभी कोरोना का लक्षण सामने आ रहा हैं, वह हल्का और इसमें खांसी, जुकाम, बुखार और फ्लू जैसे लक्षण ही सामने आया है। इसके लक्षण 3-4 दिनों से अधिक समय तक रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर कोरोना की जांच कराएं।
हमारी भी जिम्मेवारी :
शिक्षक आनंद कुमार कहते हैं, “कोरोना का नया वैरिएंट चाहे जितना हल्का या भारी हो, अपने स्वास्थ्य की रक्षा करना हमलोगों की प्राथमिक जिम्मेवारी है। इसलिए आम लोगों को भी एहतियात बरतनी चाहिए। भीड़भाड़ से बच के रहना चाहिए, मास्क लगाना चाहिए, साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए और खानपान में पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों को पल-पल बदलती स्थितियों पर नज़र रखनी चाहिए।
