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भागलपुर :
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर भागलपुर व्यवहार न्यायालय ने एक विशेष और सराहनीय पहल करते हुए समाज को नशा से मुक्त करने का संदेश दिया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायालय परिसर में एक संकल्प सभा का आयोजन किया गया, जिसमें न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, न्यायालय कर्मी एवं पारा विधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत जिला एवं सत्र न्यायाधीश के प्रकोष्ठ के समीप एकत्र होकर सभी प्रतिभागियों द्वारा तंबाकू एवं नशे से दूर रहने की शपथ लेने से हुई। यह आयोजन मात्र एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि समाज के हर वर्ग को जागरूक करने की दिशा में एक गंभीर प्रयास था।
उपस्थित लोगों ने इस अवसर पर यह संकल्प लिया कि वे न सिर्फ स्वयं नशे से दूर रहेंगे, बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी इसके दुष्परिणामों से अवगत कराएंगे। भागलपुर व्यवहार न्यायालय द्वारा इस प्रकार का आयोजन यह दर्शाता है कि न्यायिक संस्थाएं केवल कानून का पालन कराने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक बदलाव की दिशा में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। विशेष रूप से तंबाकू जैसे मादक पदार्थों के खिलाफ यह पहल एक उदाहरण है कि न्यायिक तंत्र समाज में सकारात्मक सोच को कैसे बढ़ावा दे सकता है। इस आयोजन में पारा विधिक स्वयंसेवकों की भूमिका भी उल्लेखनीय रही। उन्होंने लोगों को नशा मुक्ति के प्रति जागरूक करने हेतु प्रेरणात्मक संदेश साझा किए। साथ ही, यह भी बताया गया कि किस प्रकार तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य संकटों से बचा जा सकता है।
नशा एक सामाजिक अभिशापकार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बताया कि तंबाकू और अन्य मादक पदार्थ सिर्फ एक व्यक्ति के स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करते हैं। कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी जैसी घातक समस्याएं तंबाकू सेवन से जुड़ी होती हैं, जिनसे हर वर्ष लाखों लोग असमय मृत्यु का शिकार होते हैं।कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ताओं ने कहा कि तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर भागलपुर व्यवहार न्यायालय ने एक सशक्त संदेश देकर नशे के विरुद्ध मुहिम को मजबूती दी है। यह पहल न केवल एक दिन की गतिविधि है, बल्कि एक दीर्घकालिक सामाजिक सुधार की दिशा में मजबूत कदम है।

