MADHUBANI / LADANIYA NEWS :
खबर दस्तक
मधुबनी / लदनियां :
रामकुमार यादव
मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड क्षेत्र के सिधपकला पंचायत अवस्थित मध्य विद्यालय सिधपकला के प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार राय द्वारा विद्यालय शिक्षकों पर अमर्यादित व्यवहार करने का मामला शिक्षकों द्वारा प्रकाश में लाया गया है।
उक्त आशय का खुलासा शिक्षक एवं शिक्षकों के द्वारा दिए गए आवेदन एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लदनियां के नाम प्रेषित पत्र से हुआ है।
डीईओ मधुबनी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लदनियां के नाम दिनांक 17 मई 2025 को प्रेषित अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि आयुक्त के सचिव-सह-क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक दरभंगा प्रमंडल के पत्रांक-422,दिनांक-08-05-2025 को मध्य विद्यालय सिधपकला के शिक्षक-शिक्षिकाओं के संयुक्त हस्ताक्षर युक्त आवेदन पत्र हस्तगत कराते हुए गंभीर आरोप लगाया है, जिसमें प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार राय पर प्रतिदिन किसी न किसी शिक्षक को उलझाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने शिक्षा सेवक एवं कम्प्यूटर अनुदेशक को विभागीय कारवाई करने का धमकी देने की बात बार-बार करते हैं।
डीईओ मधुबनी ने बीईओ लदनियां को निर्देशित पत्र में कहा है कि आवेदन पत्र में वर्णित बिंदुओं को बिंदुबार स्थलीय जांच कर प्रतिवेदन एवं शिक्षकों के शिकायत का बयान अलग से लेकर भेजने को कहा है।
प्रभारी बीईओ अमितेश कुमार ने इस बाबत पूछने पर बताया कि सम्बंधित विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार राय सहित सभी शिकायत कर्ता शिक्षकों को डीईओ के पत्र के साथ अपना लिखित व अभद्र व्यवहार संबंधी जानकारी व साक्ष्य उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि आवेदन पत्र में वर्णित बिन्दुओ को जांच कर डीईओ को जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करा दिया जायेगा। हालांकि शिक्षक सहित आम लोगों का आरोप है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लदनियां में रहते ही नहीं है, उन्हें शिक्षकों में चापलूस-चाटूकारों को छोड़कर कोई देखा भी नहीं है, जबकि सरकार के द्वारा या विभाग के द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि प्रत्येक दिन स्कूल का निरीक्षण करना है।
लोगों ने चुनौती देते हुए कहा है कि राज्य सरकार एवं विभागीय अधिकारी जांच समिति का गठन कर उक्त प्रखंड क्षेत्र में स्थापित सभी विधालय का बिना किसी सहयोग का भ्रमण करा दें। लोगों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा अगर नियमित रूप से जांच कराई जाए, तो विधालय की समस्या एवं बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध हो सकता है। लोगों ने बताया कि पढ़ाने वाले शिक्षकों एवं चापलूस और चाटुकारिता करने वाले अच्छे शिक्षक को विधालय के पठन-पाठन से दूर कार्यालय के कामों में व्यस्त रखा जा रहा है और स्वयं शैक्षणिक व्यवस्था से दूर रह कर जिम्मेदारी का निर्वाह करते हैं। लोगों ने आरोप लगाया है कि गांव के विधालय में व्याप्त कुव्यवस्था से छात्र-छात्राएं सहित ग्रामीण कुपित हैं फिर जांच करने वाले अधिकारियों के द्वारा आज तक कुव्यवस्था के विरुद्ध कारवाई क्यों नहीं हुआ। लोगों ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के आने की खबर संबंधित विधालय को पहले ही उपलब्ध करा दिया जाता है, इसके बावजूद भी खामियां पायें जाने के स्थिति में विधालय प्रधानाध्यापक एवं एमडीएम प्रभारी को आवास या चिंहित स्थल पर बुलाकर जनता के शिकायत को दवा कर लूट-खसोट को बढ़ावा दिया जा रहा है।