KHABAR DASTAK / MADHUBANI / HEALTH NEWS :
मधुबनी
जनसेवा के लिए समर्पित नर्सों व उनके बहुमूल्य योगदान के लिए विश्व भर में फ्लोरेंस नाइटेंगल की याद में 12मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस मनाया जाता है। लोगों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने में चिकित्सकों के अलावा स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत नर्स, एएनएम, जीएनएम आदि की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनके सार्थक प्रयास से ही अस्पतालों से मरीज जल्द स्वस्थ होकर अपने घर पहुँचते हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत नर्स किसी मनुष्य के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका को सार्थक करती हैं। इसी उद्देश्य से सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष में पदस्थापित जीएनएम अंशु कुमारी, फुलहर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की एएनएम आशा कुमारी एवं हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पदमा के सीएचओ को राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा फ्लोरेंस नाइटेंगल नर्स अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें दस हजार रुपये की राशि तथा प्रशस्ति पत्र एवं मेडल दिया गया।
- कर्तव्यों का निवर्हन कर समाज में बनाई अलग पहचान :
चयनित कर्मियों ने स्वास्थ्य और नर्सिंग के क्षेत्र में निःस्वार्थ सेवा सेवा भाव से कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। अपनी सच्ची लगन से अपने कर्तव्यों को निवर्हन करके समाज को एक नयी दिशा देने का काम कर रहे हैं। अपने कार्य को लेकर काफी सजग हैं। हर दिन निर्धारित समय पर आना और हर लोगों से मुस्कुराते हुए बात करना उनकी पहचान है। जीएनएम अंशु कुमारी ने बताया,“अस्पताल में जब कोई आता है, तो एक उम्मीद व विश्वास के साथ आता है। उसके उम्मीदों पर खरा उतरना मेरा पहला फर्ज है। अपनी सेवा से मरीजों व उनके परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लाना मेरा उद्देश्य है, ताकि सरकारी सेवा व अस्पताल के प्रति लोगों के मन में विश्वास बढ़े और सरकारी संस्थानों में अधिक-से-अधिक लोग आयें”। उन्होंने मातृ-शिशु देखभाल व सुरक्षित प्रसव में उत्कृष्ट कार्य कार्य किए हैं। मुख्य रूप से उनकी डयूटी प्रसव कक्ष में है। वह सुरक्षित प्रसव कराने, मातृ-शिशु देखभाल में उत्कृष्ट कार्य से अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं।
अब तक की सेवा में उन्होंने कई गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को जीवनदान देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। सैकड़ों महिलाओं के जटिल(कॉम्प्लिकेटेड) प्रसव सफलतापूर्वक कराए हैं। गंभीर एनीमिया के कई मरीजों का भी सफलतापूर्वक प्रसव कराया ब्लड की व्यवस्था कर ब्लड ट्रांसफ्यूजन करवाया, ताकि प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे। कई एकलेमशिया के मरीज का भी सफलतापूर्वक प्रसव कराया। एकलेमशिया में मरीज का ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। जन्म के बाद अगर बच्चे में सांस लेने में समस्या होती है, तो आर्टिफिशियल ऑक्सीजन दे कर बच्चों की जान बचाते हैं। सीपीआर देकर कई बच्चों की जान बचाई है। एएनएम आशा कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण, यूविन पोर्टल पर डाटा अपलोड, गर्भवती महिलाओं का एएनसी करना, अस्थाई साधन वितरण सहित अन्य कार्यों को बेहतर ढंग से किया है। सीएचओ विकास बेरवा ने बताया ई-टेली कंसल्टेशन में सबसे अधिक मरीजों को परामर्श देना एनसीडी स्क्रीनिंग तथा परिवार नियोजन सलाह के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है।
- रोगियों की संवेदनाओं को समझना जरूरी
सिविल सर्जन डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि रोगियों को मानसिक रूप से अधिक सहयोग की जरूरत होती है। नर्सों का फर्ज होता है कि वह मरीज से प्यार और संवेदना से पेश आये तथा मरीज की पीड़ा को समझते हुए जरूरी सलाह व चिकित्सा प्रदान करें। इसका पूरा ख्याल रखते हुए वह भी मरीजों की संवेदनाओं को समझती एवं उनकी पीड़ा को कम करने का हर संभव प्रयास करती हैं। वह बताती हैं कि मरीज को सही एवं शीघ्र उपचार दिलाने के लिए डॉक्टर व नर्स के बीच बेहतर संवाद की जरूरत होती है। इसलिए वह रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए डॉक्टर के साथ संवाद पर बल देती हैं।