MADHUBANI / KHAJAULI NEWS :
मधुबनी / खजौली :
मधुबनी जिले के खजौली प्रखंड क्षेत्र में लोहिया स्वच्छता अभियान व्यापक रूप से धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ती हुई नजर आ रही है, जिसका आलम यह हैं कि बिहार सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पंचायत में लोहिया स्वच्छता अभियान महज फाइलों पर ही सिमट कर रह गया है। जबकी इस योजना की सफलता पर आप सहज रूप से इस तस्वीर से ही अंदाज लगा सकते हैं कि कचड़ा उठाने बाले ठेला पर जंगल झार उग चुके है।
एक तरफ बिहार सरकार पंचायत को सहरी रूप में ग्रामीण परिवेश में भी लोगों को सुविधा मिले इसके लिए लोगों में विभिन्न माध्यम से सलाना करोड़ो रुपया खर्च किया जा रहा। पंचायत के विभिन्न वार्ड के प्रत्येक घर से गिला और सूखा कचड़ा की उठाव हो इसके लिए पंचायतों में करीब 7-8 लाख रुपया खर्च कर कचड़ा घर का निर्माण करवाया गया है। नियमित रूप से प्रत्येक घर से कचड़ा की उठाव हो इसके लिए पंचायत के विभिन्न वार्ड में स्वच्छता मित्र के साथ स्वच्छता पर्यवेक्षक की प्रतिनियुक्त किया गया।स्वच्छता मित्र को कचड़ा संग्रह के दौरान गंदगी से किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए ड्रेश किट, भिसिल, टोपी, मास्क के साथ कचड़ा ढोने के लिए ठेला रिक्शा व प्रत्येक पंचायत में एक ई-ठेला का आपूर्ति किया गया है।
प्रत्येक परिवार में गिला और सूखा कचड़ा अलग-अलग रखने के लिए नीला और ब्लू कलर की बाल्टी स्वरूप डस्टबिन का भी वितरण किया गया है। यूं कहें कि लोहिया स्वच्छता अभियान फेज टू तहत प्रखंड के विभिन्न पंचायत में कई लाख रुपया सरकारी खजाना से खाली होने के बाद भी इस योजना की धरातल पर फलसफा शून्य रहने के कारण लोगों में कई तरह के सवाल उठने लगे है। हमारे प्रतिनिधि के द्वारा ग्राउंड जीरो पर क्षेत्र भ्रमण के दौरान प्रखंड के विभिन्न पंचायत के विभिन्न वार्ड के संजीव दास, रामस्वरूप सहनी, मोहन पासवान, राजेंद्र ठाकुर, दिलीप पासवान, श्रवण सिंह, संतोष दास, रविंद कुमार, भुखन महतो, परमेश्वर पासवान, राम विनय राम, कालीचरण सिंह, सुरेश कुमार सहित दर्जनों लोग बताते हैं कि सरकार की नल-जल योजना की तरह लोहिया स्वच्छता अभियान के घर-घर कचड़ा उठाव योजना एक हाथी के दांत के तरह शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। जानकारी हो कि प्रखंड के अधिकांश पंचायत में कचड़ा उठाव की कार्य की विधिवत शुरुआत हुए एक बर्ष से अधिक समय गुजर चुके हैं।