MADHUBANI / JAINAGAR NEWS :
मधुबनी / जयनगर :
मधुबनी जिला के जयनगर प्रखंड के बेला बांध चौक के समीप श्री श्री 108 श्री विष्णु महायज्ञ सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित 08 मई से शुभारंभ हुए नौ दिवसीय महायज्ञ धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, जो कि 16मई तक होगा। महायज्ञ में दयज्ञ मंडप दर्शन, पूजा अर्चना व परिसर में ही संध्या में आयोजीत हो रही। वहीँ, वृंदावन से आई कथा वाचिका अंतराष्ट्रीय प्रसिद्ध कथा व्यास साध्वी आर्या पंडित और उनके मंडली के द्वारा संगीत मय श्री मद भागवत कथा वाचन किया जा रहा है। देर शाम अयोध्या से आये हुए श्री जनकदुलारी आदर्श सेवा समिति के द्वारा रामलीला की प्रस्तुतियां देखने व मेला का आनंद लेने को लेकर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ रही है।
आयोजन समिति के सदस्यों ने संयुक्त रूप से बताया कि महंथ राम बिहारी दास उड़िया बाबा और हरिओम दास बाबा के कुशल मार्गदर्शन में महायज्ञ सह धार्मिक अनुष्ठान सह मेला का आयोजन प्रतिदिन मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत पूजा अर्चना महायज्ञ कर विधिवत रुप से आयोजन किया जा रहा है। श्रद्धालुओं का भी काफी सहयोग मिल रहा है। सफल आयोजन करने को लेकर सदस्यगण सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे है। महायज्ञ मंडप देवी देवताओं की प्रतिमाएं कथा राम लीला सह मेला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ रही है एवं सफल आयोजन को लेकर सभी से सहयोग की अपील करते है। श्रद्धालु अनुष्ठान में पधारे और पुण्य के भागी बने। धार्मिक अनुष्ठान महायज्ञ स्थल परिसर के समीप संगीतमय श्री मद भागवत कथा का विधिवत शुभारंभ पूजा अर्चना आरती मंगल घट स्थापना कर शुभारंभ की गई।
इस मौके पर जयनगर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद कैलाश पासवान, पूजा समिति के अध्यक्ष मदन हाजरा, सचिव देवेंद्र यादव, उपाध्यक्ष अरविंद तिवारी, जगदेव बनरैत, राजेन्द्र यादव, सुरेंद्र तेथवार, विजय बनरैत, सुरेंद्र बनरैत, संध्या देवी समेत अन्य सदस्यों श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान श्री मद भागवत की पूजा अर्चना की गई।
वहीँ, कथा व्यास साध्वी आर्या पंडित कथा वाचिका के द्वारा श्री मद भागवत कथा वाचन का रस पान करा रही श्रद्धालु श्रोताओं से कहा कि कथा श्रवण की कथा श्रवण की सार्थकता तब ही सिध्द होती है, जब इसे हम अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय करते है। ईश्वर की आराधना का सुगम मार्ग कथा सत्संग श्रवण और भजन कीर्तन हैं। श्री मद भागवत कथा विशुद्ध भक्ति ज्ञान का यज्ञ है। कथा प्रारंभ होते ही सभी जिआत्मा पशु, पक्षी, प्रकृति भी कथा का श्रवण करते हैं। कथा स्थल देवताओं का वाश हो जाता है।
कथा सत्संग श्रवण की सार्थकता तब ही सिध्द होती है, जब इसे हम अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करते हैं। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन मात्र कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति एवं मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण, भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है। श्रीमद भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है, जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए बड़े बड़े यज्ञ होते थे। कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। श्रवण को ले श्रद्धालुभक्त जनों की काफी भीड़ उमड़ रही हैं।