KHABAR DASTAK DESK :
खबर दस्तक डेस्क / प्रदीप कुमार नायक ( स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार ) :
पाकिस्तान ने करोड़ों डॉलर फूंककर चीन से खरीदा था एयर डिफेंस सिस्टम, जो भारत के आगे हो गया फेल। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का एयर डिफेंस फेल हो गया। पाकिस्तान कई सालों से दावा करता रहा है कि उसके पास HQ-9 है, जिसे रूस के S-300 जैसा बताया जाता है। दावा था कि ये हवा में ही मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लेता है। हालांकि सच्चाई दावों से बेहद अलग है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का एयर डिफेंस भारत की एक भी मिसाइल नहीं पकड़ सका।
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बेहद सटीकता से अंजाम दिया है। इसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। हालांकि इस हमले के बाद एक बात जो निकलकर सामने आ रही है, वो ये है कि पाकिस्तान, भारत की एक भी मिसाइल को क्यों नहीं पकड़ सका। पाकिस्तान ने चीन से करोड़ों डॉलर फूंककर HQ-9 मिसाइल सिस्टम खरीदा था, लेकिन नतीजा क्या निकला? अब यह हर किसी को पता है। पाकिस्तान का पूरा एयर डिफेंस सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर में ध्वस्त हो गया और भारत ने नौ टेरर कैंप तबाह कर डाले।
- आइए जानते हैं कि कैसे पाकिस्तान की ‘चाइनीज शील्ड’ रेत की दीवार साबित हुई :
ऑपरेशन सिंदूर से पहले जिन्हें लग रहा था कि भारत सिर्फ चेतावनी देकर रह जाएगा, अब उनके होश ठिकाने आ गए होंगे। रात के अंधेरे में जब पाकिस्तान चैन की नींद सो रहा था, तभी भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए आतंक के अड्डों पर ऐसा वार किया कि पूरा इस्लामाबाद हिल गया और सबसे बड़ी बात ये है कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस जो चीन के HQ-9 सिस्टम पर टिका था, वो ध्वस्त हो गया, बिलकुल फेल।
- किन ठिकानों पर हमला हुआ?
अब जरा लोकेशन को भी जान लीजिए। भारत ने सिर्फ एलओसी के पास हमला नहीं किया, बल्कि पीओके और पाकिस्तान के अंदर घुसकर भी टेरर बेस तबाह कर डाले।
- ये हैं वो टारगेट :
पीओके में कोटली, बरनाला, सरजल, महमूना और बिलाल कैंप एवं पाकिस्तान में गुलपुर और सवाई कैंप सबसे गहरी स्ट्राइक मुरिद के पाकिस्तान के अंदर 30 किलोमीटर और फिर पाकिस्तान के बहावलपुर में 100 किलोमीटर तक जाकर मिसाइलें दागीं गईं। यानी पाकिस्तान की कोई भी जगह अब ‘सुरक्षित’ नहीं है, अगर वहां से आतंक फैलाया जाएगा।
- पाकिस्तान के एयर डिफेंस की बुरी हार :
इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान का एयर डिफेंस फेल हो गया। पाकिस्तान कई सालों से दावा करता रहा है कि उसके पास HQ-9 है। यह एक लॉन्ग-रेंज मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जो चीन से लिया गया है। यह वही सिस्टम है, जो रूस के S-300 जैसा बताया जाता है। दावा था कि ये हवा में ही मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लेता है। हालांकि सच्चाई दावों से बेहद अलग है। एक भी भारतीय मिसाइल को यह HQ-9 सिस्टम ट्रैक तक नहीं कर पाया। इससे दो बातें साफ है, या तो HQ-9 ने मिसाइलों को डिटेक्ट ही नहीं किया या फिर डिटेक्ट किया, लेकिन रिएक्ट करने का टाइम ही नहीं मिला। मतलब करोड़ों डॉलर का चीनी सिस्टम सिर्फ शो-पीस बनकर रह गया। पाकिस्तान के लिए ये सिर्फ मिलिट्री फेलियर नहीं, ये डिप्लोमैटिक इम्बैरसमेंट भी है।
- भारत का स्ट्रैटेजिक प्लान :
अब ये ऑपरेशन यूं ही अचानक नहीं हुआ। डिफेंस सूत्रों की मानें तो पिछले कई दिनों से टेरर अड्डों को लेकर इंटेलिजेंस जुटाई जा रही थी। हर टारगेट की लोकेशन, मूवमेंट और स्ट्रक्चर को स्टडी किया गया। भारत ने इस मिशन में अपनी सबसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। राफेल फाइटर जेट्स ने स्कैल्प क्रूज मिसाइल्स और हैमर प्रिसिजन-गाइडेड बम्स का इस्तेमाल किया, साथ ही लॉइटरिंग म्यूनिशन्स यानी ऐसे हथियार जो टारगेट के ऊपर मंडराते हैं और फिर सटीक निशाना लगाते हैं। इन हथियारों की खास बात ये थी कि ये रात में और किसी भी मौसम में सटीक निशाना लगा सकते हैं। यही वजह थी कि भारत ने सारे टारगेट्स को बिना किसी कॉलेटरल डैमेज के खत्म कर दिया। मैसेज क्लियर था कि भारत अब आतंकवादियों के घर में घुसकर मारेगा और कोई बहाना नहीं सुना जाएगा।
- पाकिस्तान की बौखलाहट और जवाब :
अब पाकिस्तान क्या करता? उसके पास दो ही रास्ते थे या तो जवाबी हमला करे या बस बयानबाजी करे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने इस हमले को ‘युद्ध की कार्रवाई’ बताया और बदले की धमकी दी, लेकिन अब तक कोई जवाबी हमला नहीं हुआ। सच यह है कि बिना एयर डिफेंस के और स्ट्राइक के इतने अंदर तक पहुंचने के बाद, पाकिस्तान की स्थिति बिलकुल कोने में पड़े बॉक्सर जैसी हो गई है, जिसे घूंसा भी पड़ा और हिम्मत भी टूट गई।
- भारत की तैयारी और अगला कदम :
अब भारत कोई रिस्क नहीं ले रहा है। बॉर्डर के पास के 244 जिलों में हाई अलर्ट है। सिविल डिफेंस ड्रिल्स चल रही हैं और सभी इंटेलिजेंस एजेंसियां एक्टिव हैं। पीएम मोदी ने साफ कहा है कि ‘आतंकियों और उनके मददगारों को जहां भी छिपा होगा, ढूंढ कर मारा जाएगा। ये ऑपरेशन सिर्फ एक जवाब नहीं था, ये स्ट्रैटेजिक डॉक्ट्रिन का हिस्सा था। अब भारत सिर्फ डिफेंस नहीं करेगा, अब भारत प्री-एम्पटिव, इंटेलिजेंस-बेस्ड अटैक करेगा और यही पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता है। ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ आतंकियों के अड्डे नहीं उड़ाए, पाकिस्तान की ‘चाइनीज बनावटी ताकत’ का भी पर्दाफाश कर दिया। अब सवाल ये नहीं है कि पाकिस्तान जवाब देगा या नहीं, अब असली सवाल ये है कि क्या अब भी वो आतंक का खेल खेलने की हिम्मत रखता है?