BIHAR / KAIMUR NEWS :
बिहार / कैमूर ( ब्रजेश दुबे ) :
बिहार राज्य के कैमूर जिला के एक शिक्षक ने भारत पाकिस्तान के बॉडर पर जाने के लिए बिहार के एसीएस एस सिद्धार्थ को पत्र लिख कर सीमा पर सैन्य अभियान में सहयोग करने की अनुमति मांगा है।
शिक्षक वैभव किशोर कैमूर जिले के अधौरा प्रखंड के चफना उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस एस. सिद्धार्थ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा पर सैन्य अभियान में सहयोग करने की अनुमति मांगी है।
पहलगाम में 22अप्रैल को हुए आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी बीच बिहार के एक शिक्षक ने देशभक्ति दिखाई है. उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा पर सैन्य अभियान में सहयोग करने के लिए अनुमति मांगी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस० सिद्धार्थ को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में योगदान देना चाहते है।
- चिट्ठी लिख कर एसीएस एस० सिद्धार्थ से मांगी इजाजत
- बोलें मिल गई इजाजत को मातृभूमि के हिफाजत के लिए सब कुछ कर दूंगा देश को समर्पित
इस पर शिक्षक वैभव किशोर ने बताया कि है कि भारत-पाक सीमा पर युद्ध की संभावना प्रबल हो गई है। ऐसी स्थिति में एक जिम्मेदार नागरिक और प्रशिक्षित शिक्षक होने के नाते वह मातृभूमि की रक्षा में प्रत्यक्ष योगदान देना चाहता हूं। इस ऑपरेशन में भारत ने 7 मई को नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
शिक्षक ने बताया कि मैंने पत्र में लिख कर बताया है कि उनके पास राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का ‘सी’ सर्टिफिकेट भी है, जिसमें उन्हें ‘बीईई’ ग्रेड प्राप्त हुआ है। इसके अलावा वे दो वर्षीय रोवर और रेंजर प्रशिक्षण और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से भी प्रशिक्षित हैं। इन सभी योग्यताएं के साथ वे किसी भी राष्ट्रीय आपात स्थिति में सहयोग देने के लिए सक्षम हैं।
वैभव किशोर ने अपने पत्र में लिखा कि मौजूदा हालात में भारत-पाक सीमा पर युद्ध की आशंका बढ़ गई है। हालांकि, शिक्षा विभाग या एसीएस एस. सिद्धार्थ की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। मुझे गर्व होगा अगर मैं मातृभूमि की रक्षा में योगदान दे सकूं, यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण अवसर होगा। अगर उन्हें मातृभूमि की रक्षा में योगदान करने का मौका मिले तो उन्हें गर्व होगा, ये उनके जीवन का सबसे बड़ा अवसर होगा।
शिक्षक ने बताया कि मैं अपने देश के वीर पुरुषों के शौर्य को देखते हुए उनके वीरता को याद करके यह कदम उठाया है। इसलिए मैने अपने विभाग के एसएस एस. सिद्धार्थ को सेना में सैन्य अभियान में सहयोग करना चाहता हूं इसी लिए उन्हें पत्र लिख कर मेल किया है और उनसे मुझे सहयोग करने के भेजने भेजने की इजाजत चाहता हूं। हालांकि अभी तक उधर से कोई जवाब नहीं आया है, अगर विभाग से मुझे सैन्य अभियान में सहयोग करने के लिए तैयार हूँ।