MADHUBANI / HEALTH NEWS :
- स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर टीबी की की जाएगी जांच
- जनप्रतिनिधि की भूमिका अहम
- अभियान के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारियों और कर्मियों को किया जाएगा प्रशिक्षित
- ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, टेक्नोलॉजी तथा अन्तर्विभागीय समन्वय पर जोर रहेगा
- सीएचओ व आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से उच्च जोखिम वाले लोगों को किया जाएगा जागरूक
मधुबनी :
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) को गति देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। टीबी उन्मूलन को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले में वल्लरेबल पापुलेशन (उच्च प्राथमिकता) वाले प्रखंडों व पंचायत में सघन टीबी उन्मूलन अभियान, की शुरुआत होगी जिसके तहत जिन क्षेत्रों में टीबी के अत्यधिक मरीज पाए गए हैं, वैसे क्षेत्र में मैपिंग कर टीबी के मरीज की खोज की जाएगी। वहां के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के माध्यम से निश्चय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर पोर्टेबल एक्स-रे के माध्यम से टीबी की जांच की जाएगी। शिविर का आयोजन में जनप्रतिनिधि की भूमिका अहम होगी। शिविर में नॉन कम्युनिकेबल डिसीज (बीपी, शुगर, हाइपरटेंशन सहित अन्य रोगों की भी जांच की जाएगी। टीबी की जाँच शिविर में ही पोर्टेबल एक्स-रे के माध्यम से की जाएगी, आवश्यकता पड़ने पर स्पूटम संग्रह कर ट्रूनॉट व सीवी नट मशीन से भी टीबी की जांच की जाएगी। इस क्रम में राज्य मुख्यालय के द्वारा जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारियों व कर्मियों को वीसी के माध्यम से निर्देशित किया गया है।
- क्या कहते हैं अधिकारी :
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट के साथ-साथ अन्तर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया जाएगा। साथ ही, जिले के सभी प्रखंडों के सभी उच्च जोखिम वाले समुदाय में टीबी स्क्रीनिंग और जांच करना सुनिश्चित किया जाए। प्रतिदिन आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से कम से कम 12 चिन्हित उच्च जोखिम वाले चिह्नित मरीजों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में सी-बैक फार्म भर कर जागरूक किया जाएगा। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) द्वारा प्रतिदिन 100 उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों में टीबी स्क्रीनिंग कर निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
- सघन टीबी खोज अभियान से कार्यक्रम के उद्देश्य को गति मिलेगी :
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जी.एम. ठाकुर ने बताया जिले के कई पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में आगामी दिनों में शुरू होने वाले सघन टीबी उन्मूलन अभियान से कार्यक्रम के उद्देश्य को गति मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान अधिक-से-अधिक लोगों का जांच और स्क्रीनिंग किया जाए। इसके लिए भी प्रयासों को तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य निदान और उपचार सहित कई अन्य सेवाओं को मजबूत किया जाएगा। साथ ही, समाज के निचले तबके के लोगों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इसमें सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों सहित समाज या शिक्षा से वंचित के अलावा हाशिए पर रहने वाले समुदाय और मधुमेह, एचआईवी और कुपोषण जैसी सह- रुग्णता वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा।
- सीएचओ और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका की जाएगी निर्धारित :
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत सघन टीबी अभियान में संभावित टीबी रोगियों की पहचान (स्क्रीनिंग), जांच, उपचार, निक्षय पोषण योजना और निक्षय मित्र के माध्यम से पोषण किट का आपूर्ति की जाएगी। इन कार्यों में सीएचओ और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका निर्धारित करने के लिए सभी प्रखंडों को निर्देशित किया जाएगा। साथ ही, अभियान के दौरान अधिक से अधिक टीबी मरीजों की पहचान और जांच के अलावा अन्य सभी कार्यों को शत प्रतिशत पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि टीबी एक गंभीर संचारी रोग है। इसकी जांच और उपचार समय पर नहीं किया जाए तो एक दूसरे से संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार या बलग़म में खून का आना, वजन में कमी, भूख नहीं लगने की शिकायत हो, तो स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी जांच कराना चाहिए, ताकि समय रहते उसका इलाज किया जा सके।