MADHUBANI/ HEALTH NEWS :
मधुबनी :
अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को जिले में प्रभावी बनाने की कवायद जारी है। इसके तहत छह माह से 59 माह तक के बच्चों में अनीमिया न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग विशेष फोकस कर रहा है। अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के इंडिकेटर को जिला पदाधिकारी के स्तर से मासिक समीक्षात्मक बैठक करायी जाएगी, जिसमें जिलाधिकारी स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आईसीडीएस के साथ आइएफए सिरप के दवाओं की डिमांड एवं आपूर्ति श्रृंखला की मासिक मॉनिटरिंग भी करेंगी। इसके अलावा सभी तरह की डिमांड को एचएमआइएस पोर्टल पर भी प्रविष्टि करनी होगी।
कार्यक्रम के जिला में को लेकर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विजेता सिन्हा ने सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार को पत्र जारी किया है।
मालूम हो कि जिले में अनीमिया के दर को कम करने के लिए अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम संचालित है। इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न आयु समूहों के लाभार्थियों को संबंधित विभागों के द्वारा आयरन फोलिक एसिड का सिरप, गुलाबी एवं नीली गोली का अनुपूरण कराया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की लगभग एक चौथाई आबादी अनीमिया से पीड़ित है, जिसमे प्रीस्कूल आयु के लगभग आधे बच्चे शामिल हैं। आयरन की कमी से होने वाला अनीमिया सबसे आम है। बच्चों में अनीमिया से कई बीमारियाँ हो सकती हैं। इनमे थकान एवं कमजोरी, त्वचा का पीला पड़ना, सांस लेने में तकलीफ, विकास संबंधी समस्याएँ आदि हो सकती हैं। अनीमिया की स्थिति गंभीर होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है।
एचएमआईएस पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले के अनुपुरण अच्छादन की स्थिति 06 से 59 माह का 20.2%, 5 से 9 वर्ष तक 50.02%, 10 से 19 वर्ष तक 77.7%, गर्भवती महिला में 84.8 प्रतिशत है। वहीं अनीमिया मुक्त इंडेक्स पर 67.4% के साथ 23 वें स्थान पर है। अनीमिया मुक्त इंडेक्स अनीमिया मुक्त भारत के तहत सभी मानकों को देखकर तैयार किया जाता है। इसमें आईएफए सिरप 6-59 महीने के बच्चों को दो बार प्रदान किया जाता है। आईएफए गुलाबी गोलियां 5-9 साल के बच्चों को प्रदान की जाती हैं। आईएफए नीली गोलियां 10-19 साल के किशोरों को प्रदान की जाती है। प्रजनन आयु समूह की महिलाओं को साप्ताहिक रूप से आईएफए लाल गोलियां और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 180 दिनों के लिए प्रतिदिन आईएफए लाल गोलियां प्रदान की जाती हैं।