MADHUBANI / MSU NEWS :
मधुबनी : मिथिला की सांस्कृतिक अस्मिता पर लगातार हो रहे हमलों के बीच भाजपा की चुप्पी और संरक्षण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी की मानसिकता मूलतः मिथिला-विरोधी रही है। बिस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर ‘बचौल’ द्वारा मैथिली भाषा और संस्कृति के प्रति प्रदर्शित घृणा केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक गहरे राजनीतिक सोच का प्रतिबिंब है, जिसे भाजपा वर्षों से ढोती आ रही है।
मैथिल अस्मिता बचाओ महापंचायत की घोषणा करते हुए मिथिला के युवाओं, बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों ने साफ कहा है कि यह महापंचायत अब केवल बचौल के माफी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उस राजनीतिक मानसिकता का पर्दाफाश भी करेगी, जो वर्षों से मिथिला की उपेक्षा करती आई है विशेषकर भाजपा।
विजय श्री टुन्ना ने तीखे शब्दों में कहा कि विधायक हरिभूषण ठाकुर ‘बचौल’ का बयान भाजपा की उस मानसिकता का प्रतीक है जो हमेशा से मिथिला की उपेक्षा और अपमान में विश्वास रखती आई है। भाजपा सरकार में मिथिला को क्या मिला? न ऐम्स, न एयरपोर्ट का पूरा विस्तार, न ही भाषा को समुचित सम्मान। अब जब एक भाजपाई नेता ने खुलेआम मैथिली अस्मिता पर कीचड़ उछाला, तब पूरी पार्टी चुप है ये मौन किसका समर्थन कर रहा है?”
उन्होंने आगे कहा “हम भाजपा से स्पष्ट मांग करते हैं या तो बचौल को पार्टी से निष्कासित करो और मिथिला से माफी मांगो, या फिर तैयार रहो जनाक्रोश के सामने खड़ा होने के लिए। मिथिला कोई उपनिवेश नहीं जिसे कोई भी सत्ता मद में आकर लताड़ दे, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। यह आंदोलन मिथिला के स्वाभिमान का पुनर्जागरण होगा।”
महापंचायत के आयोजन की तैयारी ज़ोरों पर है, और इसमें मिथिला के हर वर्ग छात्र, किसान, साहित्यकार, महिला संगठन, और सामाजिक कार्यकर्ता अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने लगे हैं।
यह आंदोलन केवल बचौल विरोध नहीं, भाजपा की मिथिला विरोधी सोच के खिलाफ जनादेश बनने जा रहा है।
इस आयोजित बैठक में एमएसयू के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र रमण, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष शीतलंबर झा, प्रियरंजन पांडेय, मनोज झा, उमर फारूक, अजय यादव, मयंक विश्वास, अंकित आजाद, प्रवेश झा, आनंद, कृष्ण मोहन शर्मा, सुमित मिश्रा आदि उपस्थित रहे।