MADHUBANI / HELATH NEWS :
मधुबनी : बिहार में अब चालीस बेड से कम वाले अस्पतालों को निबंधन कराने से छूट मिल गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के अनुसार बिहार नैदानिक स्थापन (पंजीकरण एवं विनियमन) नियमावली, 2013 में संशोधन किया गया है। अब इसे बिहार नैदानिक स्थापन (पंजीकरण एवं विनियमन) (संशोधन) नियमावली, 2025 कहा जाएगा। इसके तहत इसका विस्तार संपूर्ण बिहार में होगा और यह बिहार के 1-40 बेड तक के अस्पतालों को छोड़कर सभी नैदानिक स्थापनों (क्लीनिकों) पर लागू होगा। इस संशोधित नियमावली के अनुसार, प्राधिकार औपबंधिक रजिस्ट्रीकरण की मंजूरी के पूर्व किसी तरह की जांच नहीं करेगा और ऐसे आवेदन की प्राप्ति की तिथि से दस दिनों की अवधि के अंदर आवेदक को डाक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से औपबंधिक रजिस्ट्रीकरण का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार क्लीनिकों एवं अस्पतालों का स्थायी निबंधन तभी होगा जब तक केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर लिया जाता है। वर्तमान में केंद्र सरकार ने सिर्फ पैथोलॉजी एवं रेडियोलॉजी क्लीनिक एवं अस्पतालों को लेकर ही मानक तय किए हैं। वहीं, राज्य सरकार की ओर से नियमावली में किए गए संशोधन के तहत ऐसे क्लीनिक एवं अस्पतालों को जिसके संबंध में केंद्र सरकार ने मानकों को अधिसूचित किया है, उनसे संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अब, पुराने क्लीनिक, अस्पतालों को मानक तय किए जाने के बाद से दो साल तक का समय स्थायी निबंधन के लिए दिया जाएगा। जबकि नए क्लीनिक, अस्पतालों को संचालन शुरू होने के छह माह के अंदर निबंधन करा लेना होगा।
आईएमए ने किया स्वागत :
राज्य सरकार के इस निर्णय का आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष, आईएमए बिहार और भासा के महासचिव ने स्वागत किया है। मालूम हो कि राज्य के चिकित्सक संघ लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। पूर्व के नियमों के तहत एक कमरे में संचालित क्लीनिक हो या तीस बेड के क्लीनिक सभी पर स्थानीय प्रशासन की ओर से निबंधन के लिए दबाव बनाया जाता था। स्थानीय प्रशासन की ओर से क्लीनिकों एवं अस्पतालों के औपबंधिक निबंधन के आवेदनों को छह माह से एक साल तक रोककर रखा जाता था। मगर नियमावली में संशोधन के बाद आवेदन करने के बाद दस दिनों के अंदर प्रमाणपत्र देना अनिवार्य हो जाएगा।
मापदंड करना होगा पूरा :
चालीस बेड तक के अस्पतालों को निबंधन की छूट दी गई है, लेकिन सरकार द्वारा सभी तय मानकों को पुरा करना अनिवार्य होगा। इसके तहत आग से निपटने के लिए अस्पताल मे अग्निशमन यंत्र लगाना होगा। अग्निशमन एनओसी लेना होगा। निगम से भवन का एनओसी प्रमाण पत्र लेना होगा। अस्पताल भवन मरीजों के रहने के लिए उपयुक्त है या नहीं, जब तक इसका प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो जाता इमारत का उपयोग अस्पताल के लिए नहीं किया जा सकता।
क्या कहते हैं अधिकारी :
सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र कुमार ने कहा कि चालीस बेड तक के अस्पतालों को निबंधन से छूट दी गई है, लेकिन सरकार द्वारा सभी तय मानकों को पूरा करना अनिवार्य होगा। पॉल्युशन, अग्नि शमन एवं बायोमेडिकल वेस्ट का लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। अस्पताल परिसर स्थित दवा दुकान के लिए फार्मेसी पंजीकरण कराना होगा।